नीरज कुमार साहू/न्यूज़11 भारत
गुमला/डेस्क: झारखंड राज्य के मुखिया (मुख्यमंत्री) के कड़े आदेश के बाद भी बालू तस्कर बेखौप होकर बालू की तस्करी कर रहे हैं आखिर किन का हाथ है इन तस्करों के माथे पर जो वे इतने निडर और बेखौप हैं.
बसिया में बालू माफिया को ना किसी की ख़ौफ़ है ना किसी का डर, बेधड़क होकर रात के अंधेरे का फायदा उठाकर हाइवा से कर रहे हैं बालू की तस्करी तो वहीं दूसरी हो आम नागरिकों को अपने निजी कार्यों से लेकर सरकारी कार्य के लिए भी बालू मिलना मुश्किल हो गया है.
नदी से माफिया कर रहे बालू की तस्करी
बसिया प्रखंड के सुकरडा गांव अम्बा टोली के समीप दक्षिणी कोयल नदी से माफिया कर रहे बालू की तस्करी, इसके लिए माफिया ने पूरी तैयारी कर रखी है. बालू माफिया बालू लदे हाईवा और उसमें प्रयोग होने वाली गाड़ियों को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो उसे लेकर उनके द्वारा आम ग्रामीणों की भूमि में एवं वन क्षेत्र में आने वाली भूमि पर उनके द्वारा कच्चे रास्ते का निर्माण भी किया गया है.
नदी के बगल में अवैध बालू डंपिंग यार्ड बनाया गया है
माफिया के द्वारा दक्षिणी कोयल नदी के बगल में ही बालू को डंप किया जाता है नदी से ट्रैक्टर के द्वारा इस डंप यार्ड तक बालू लाया जाता है इसके बाद जेसीबी के सहारे से बालू को हाईवे में लोड किया जाता है.
अंधेरे का फायदा उठाकर करते हैं बालू माफिया तस्करी
बालू माफिया इतने शातिर है कि उन्होंने जिस स्थान का चयन किया है वह बसिया प्रखंड के सुदूर इलाका है और चारो तरफ से जंगलों से घिरा हुआ है इसी का फायदा उठाकर वह दिन में ट्रैक्टर के सहारे बालू डंप करते हैं और रात के अंधेरे में बेधड़क होकर हाईवे से बालू का तस्करी करते है.
जानकारों की माने तो इस काम में बानो और मनोहरपुर के बड़े बालू माफिया जुड़े हुए हैं और उनके साथ लोकल बालू माफिया दे रहे हैं. जब इस संबंध में बात करने के लिए जिला खनन पदाधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की गई है पर उनका मोबाइल नंबर बंद आया.