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रांची/डेस्क: भारत ने सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण रक्षा सौदे को मंजूरी दे दी है, जो पाकिस्तान और चीन दोनों के लिए चिंता का विषय बन सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को की गई इस मंजूरी के तहत, भारत ने सुखोई-30MKI जेट विमानों के लिए 240 एयरो-इंजन खरीदने का निर्णय लिया है. इस सौदे की कुल लागत 26,000 करोड़ रुपये से अधिक होगी, वही रूस इस डील में भारत का साझेदार बनेगा.
पाकिस्तान और चीन की चिंता का कारण
यह सौदा ऐसे समय में किया गया है जब भारतीय वायुसेना को चीन और पाकिस्तान से संभावित खतरों का सामना करने के लिए अपनी ताकत बढ़ाने की आवश्यकता महसूस हो रही है. वर्तमान में, वायुसेना के पास 30 लड़ाकू स्क्वाड्रन हैं, लेकिन कम से कम 42 लड़ाकू विमानों की आवश्यकता है. इस स्थिति में, वायुसेना की क्षमता को दुरुस्त करने के लिए यह सौदा महत्वपूर्ण कदम साबित होगा. भारत की इस रक्षा मजबूती से न केवल पाकिस्तान बल्कि चीन की भी नींद उड़ी हुई है, जो पाकिस्तान का समर्थन करता है और भारत को घेरने की कोशिश कर रहा है.
स्वदेशी सामग्री और उत्पादन
मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि 240 AL-31FP एयरो-इंजन हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से खरीदे जाएंगे, जो कि रूस से कुछ कल पुर्जे प्राप्त करेगा. इन इंजनों में 54% से अधिक स्वदेशी सामग्री होगी, जो स्वदेशीकरण की दिशा में सरकार के प्रयासों को दर्शाता है. इंजन HAL के कोरापुट डिवीजन में निर्मित किए जाएंगे.
डिलीवरी की योजना
इन एयरो-इंजनों की डिलीवरी एक साल बाद शुरू होगी और पूरा ऑर्डर आठ साल में पूरा किया जाएगा. भारतीय वायुसेना के पास फिलहाल 259 सुखोई हैं, जिनमें से अधिकांश का निर्माण रूस से 12 बिलियन डॉलर की लागत से HAL द्वारा किया गया है. हाल ही में दुर्घटनाग्रस्त हुए सुखोई विमानों की जगह लेने के लिए 12 नए सुखोई और संबंधित उपकरणों का ऑर्डर 11,500 करोड़ रुपये में दिया गया है.
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भविष्य की योजनाएँ
फरवरी में, CCS ने भारतीय वायुसेना में शामिल लगभग 60 मिग-29 लड़ाकू विमानों के लिए 5,300 करोड़ रुपये के नए इंजनों को भी मंजूरी दी थी, जिसका निर्माण HAL द्वारा रूसी सहयोग से किया जाएगा. वायुसेना अब लागत कम करने और स्वदेशी सामग्री को बढ़ाने के लिए थोक में एयरो-इंजन का ऑर्डर दे रही है, क्योंकि लड़ाकू विमानों के परिचालन जीवन के दौरान इंजनों को दो से तीन बार बदलने की आवश्यकता होती है.