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रांची/डेस्क: भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस MK-1A का अपग्रेडेड वर्जन जल्द ही भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल होने वाला हैं. इस खबर के बाद चीन और पाकिस्तान में चिंता की लहर दौड़ गई हैं. ऐसा माना जा रहा है कि अक्टूबर के अंत तक Hindustan Aeronautics Limited (HAL) भारतीय वायुसेना को अपना पहला तेजस MK-1A सौपेंगे. जिसके बाद भारत की वायुसेना की ताकत और भी मजबूत हो जाएगी. वायुसेना ने 83 तेजस MK-1A विमानों का ऑर्डर HAL को दिया हैं. जिसकी कुल लागत लगभग 48,000 करोड़ रूपए हैं.
तेजस MK-1A: भारत का स्वदेशी हथियार
तेजस MK-1A भारतीय वायुसेना का एक हल्का और घातक स्वदेशी लड़ाकू विमान हैं. इसमें अत्याधुनिक हथियारों और सिस्टम्स को शामिल किया गया है, जो इसे और भी शक्तिशाली बनाता हैं. इसका हल्का वजन और उच्चतम गति इसके किसी भी आपातकालीन स्थिति में तेज गति से कार्य करने की क्षमता को बढ़ाता हैं. तेजस का यह नया वेरिएंट मार्च 2024 में पहली बार परीक्षण उड़ान पर गया था और तब से इसके विभिन्न Integration Trials किए जा रहे हैं.
खासियतें और तकनीकी विशेषताएं
तेजस MK-1A एक 4.5 जेनरेशन का फाइटर जेट है, जिसकी टॉप स्पीड 2205 किलोमीटर प्रति घंटा से भी अधिक हैं. इसकी कॉम्बैट रेंज 739 किलोमीटर है और फेरी रेंज 3000 किलोमीटर से अधिक हैं. यह विमान 50,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है और इसमें 9 हार्ड प्वाइंट्स है, जहां विभिन्न प्रकार की मिसाइलें, रॉकेट और बम लगाए जा सकते हैं. यह 6 प्रकार की मिसाइलों से सुसज्जित हो सकता है, जो इसे किसी भी युद्ध क्षेत्र में बेहद घातक बनाती हैं.
डिजिटल फ्लाई बाय वायर फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम
तेजस MK-1A में Digital Fly By Wire Flight Control Computer (DFCC) सिस्टम लगाया गया हैं. इस तकनीक के तहत Manual Flight Controls को हटाकर Electronic Interface जोड़ा गया है, जो विमान को अधिक स्थिर बनाता हैं. यह सिस्टम पायलट को ऑटोपायलट मोड पर विमान को संतुलित रखने में मदद करता है, जिससे विमान की कार्यक्षमता और सुरक्षित दोनों ही हो जाती हैं.
सुरक्षा और आक्रमण क्षमता में इजाफा
तेजस MK-1A में अत्याधुनिक Electronic Warfare Suite, Self Protection Jammer, और नया Radar Warning Receiver लगाया गया हैं. इससे विमान की सुरक्षा क्षमता में काफी सुधार हुआ हैं. इसके साथ ही यह विमान युद्ध के दौरान कठिन परिस्थितियों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकता है, चाहे वह खराब मौसम हो या दुश्मनों से घिरा हुआ क्षेत्र हो.
डिफेंस एक्सपर्ट्स का दृष्टिकोण
रक्षा विशेषज्ञ एयर मार्शल (रिटायर्ड) राजेश कुमार के अनुसार, तेजस MK-1A अब तक हर परीक्षण में उत्कृष्ट साबित हुआ हैं. उन्होंने यह भी कहा है कि इस विमान का हर कठिन परीक्षा में प्रदर्शन शानदार रहा है और यह दुनिया के सबसे सुरक्षित और प्रभावी हल्के लड़ाकू विमानों में से एक हैं.
भारतीय वायुसेना की शक्ति में बड़ा इजाफा
तेजस MK-1A के शामिल होने से भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता में बड़ा इजाफा होगा. इसका उपयोग राजस्थान के जोधपुर में तीसरे स्क्वाड्रन के गठन के लिए किया जाएगा. इसके आने के बाद वायुसेना धीरे-धीरे पुराने मिग सीरीज के विमानों को हटाने की प्रक्रिया शुरू करेगी.
तेजस MK-1A का यह नया संस्करण भारतीय वायुसेना को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा और भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाने में मदद करेगा.