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रांची/डेस्क:INS Arighat Indian Navy: परमाणु पनडुब्बी INS अरिघात आज भारतीय नौसेना में शामिल होगा. यह 750 किमी की मारक क्षमता वाली K-15 मिसाइलों से लैस है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और शीर्ष सुरक्षा अधिकारी विशाखापत्तनम में उपस्थित रहेंगे. जानिए आईएनएस अरिघात की खूबियां.
भारतीय नौसेना की पॉवर में और इजाफा होने जा रहा. गुरुवार को दूसरी परमाणु पनडुब्बी INS अरिघात नौसेना में शामिल होगी. यह पनडुब्बी परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है. ये कदम भारत की सामरिक ताकत को और मजबूत करेगा. लगभग 112 मीटर लंबी इस पनडुब्बी में K-15 मिसाइलें लगी हैं, जो 750 किलोमीटर तक मारने की छमता रखती है. 6000 टन वजन की INS अरिघात लंबे ट्रायल्स और टेक्नोलॉजिकल अपग्रेड्स के बाद पूरी तरह से तैयार है. विशाखापत्तनम में एक गोपनीय कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सभी शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा और सैन्य अधिकारियों की उपस्थिति में ही इस पनडुब्बी को नौसेना में शामिल किया जाएगा.
नेवी में शामिल हो रहा आईएनएस अरिघात
INS अरिहंत के साथ-साथ अब आईएनएस अरिघात के नौसेना में आने से भारतीय नेवी और भी मजबूत होगी. आईएनएस अरिहंत 2018 से ही पूरी तरह से एक्शन में है. यह कदम देश की 'परमाणु तिकड़ी' को और भी मजबूत करेगा. परमाणु तिकड़ी का मतलब है जमीन, हवा और समुद्र तीनो मै न्यूक्लियर अटैक करने की क्षमता. सूत्रों के मुताबिक, INS अरिघात आकार, लंबाई और वजन में INS अरिहंत के समान है. हालांकि, यह ये अधिक K-15 मिसाइलें ले जाने में सक्षम है. नई परमाणु पनडुब्बी अधिक सक्षम, कुशल और चुपके से चलने वाली है.
देश की दूसरी परमाणु पनडुब्बी
INS अरिहंत और INS अरिघात ये दोनों ही 83 मेगावाट के क्षमता वाले लाइट वॉटर रिएक्टरों से संचालित होती है. इनके भीतर लगे छोटे परमाणु रिएक्टर उन्हें महीनों तक पानी में डूबे रहने की क्षमता प्रदान करती है. यह पारंपरिक पनडुब्बियों से अलग है, जिन्हें अपनी बैटरी चार्ज करने के लिए हर दो दिन में सतह पर आना पड़ता है. भारत की वास्तविक ताकत तब दिखेगी जब तीसरी SSBN (परमाणु हथियारों से लैस परमाणु पनडुब्बी) अगले साल नौसेना में शामिल होगी. 7,000 टन वजनी इस पनडुब्बी का नाम INS अरिदमन होगा.
आईएनएस अरिघात की खूबियां
⦁ 112 मीटर लंबी न्यूक्लियर मिसाइलों से लैस है आईएनएस अरिघात
⦁ 6000 टन वजन और नए टेक्नोलॉजिकल अपग्रेड्स है
⦁ K-15 मिसाइलें इस पनडुब्बी मई लगी है. 750 किलोमीटर इसकी मारक क्षमता है
⦁ 21 इंच के छह टॉरपीडो इस पनडुब्बी मै लगी हुई है
⦁ इसमें बहुत से टॉरपीडो ट्यूब हैं जिनका इस्तेमाल टॉरपीडो, मिसाइल या समुद्री माइंस को तैनात में हो सकता है
⦁ पानी के भीतर 980 से 1400 फीट की गहराई तक जा सकती है.
⦁ ये पनडुब्बी बहुत लंबे समय तक पानी में डूबी रह सकती है
⦁ आईएनएस अरिघात में 12 के-15 समुद्री सबमैरीन लॉन्च्ड बैलिस्टिक मिसाइल तैनात हैं
⦁ यह पनडुब्बी के अंदर एक न्यूक्लियर रिएक्टर भी लगी हुई है
⦁ ये परमाणु ईंधन का इस्तेमाल करके इस पनडुब्बी को सतह पर 28 किमी/घंटा और पानी के भीतर 44 किमी/घंटा की रफ्तार देगा.
जल्द आएगा आईएनएस अरिदमन
आईएनएस अरिदमन, मै K-4 मिसाइलों जो 3500 किलोमीटर मार सकती है.देश की कमजोर समुद्र आधारित परमाणु क्षमता को मजबूत करने के लिए 90,000 करोड़ रुपये की लागत से चौथी SSBN का निर्माण भी किया जा रहा है. SSBN सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हैं क्योंकि उनका पता लगाना मुश्किल होता है. दुश्मन के अटैक से बचकर जवाबी हमला करने के लिए ये बेहद अहम है