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रांची/डेस्क: अगर आप कहीं जॉब करते है तो आपकी सैलरी से PF यानी की कुछ राशि काट ली जाती है. PF का मतलब होता है प्रोविडेंट फंड. इसका मतलब यह होता है कि अपने मासिक वेतन का एक छोटा हिस्सा भविष्य निधि के रूप में कर्मचारी बचाता है. ऐसा इसलिए ताकि वह सेवानिवृत्त होने के पश्चात यह जब वह काम करने के सक्षम ना हो तब वह अपने इस बचत राशि को उपयोग कर सकें. इसमें कर्मचारी एवं नियोक्ता दोनों के द्वारा वेतन का 12 प्रतिशत भविष्य निधि में जमा किया जाता है. आपको बता दें कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ (EPFO) द्वारा आपके पीएफ खाते को रेगुलेट किया जाता है.
आपको बता दें कि एम्प्लॉयर और एम्प्लॉई द्वारा पीएफ खाते में हर महीने योगदान दिया जाता है. ऐसे में जरूरत पड़ने पर आप कुछ शर्तों के साथ इस जमा हुई रकम का हिस्सा निकाल सकते है. अगर कोई व्यक्ति एक महीने से बेरोजगार है तो वह अपने पीएफ खाते में जमा रकम का 75% निकाल सकता है. वहीं अगर कोई व्यक्ति दो महीने से या उससे ज्यादा समय से बेरोजगार है वह अपने पीएफ खाते से पूरी जमा रकम निकाल सकता है. खाता खोले जाने के 3 साल बाद ईपीएफओ सदस्य अपने अकाउंट में जमा फंड का इस्तेमाल घर खरीदने के लिए कर सकते हैं. इससे जुड़ी शर्तों को दखें तो होम लोन पर डाउन पेमेंट करने के लिए सदस्य अपनी जमा राशि का 90% तक निकालने के लिए आवेदन कर सकते हैं. वहीं रिटायर होने के बाद व्यक्ति अपनी जमा राशि को फाइनल सेटलमेंट क्लेम के लिए अप्लाई कर सकता है. इसमें खास बात यह है कि रिटायरमेंट पर PF खाते से निकासी बिल्कुल टैक्स फ्री होती है. लेकिन खाता खोलने के 5 सालों के अंदर निकासी पर टैक्स लगता है. शर्तों के अनुसार, 50,000 से ज्यादा राशि पर TDS लगता है. आप इस बात का भी ध्यान दें कि मिकासी के समय अगर आप अपना पैन कार्ड दिखाते हैं, तो टीडीएस की दर 10% और नहीं दिखाने पर ये 30% होगी.
