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रांची/डेस्क: बच्चों का खास ख्याल रखना बेहद जरुरी है. बता दें कि बच्चों में पोषक तत्व की कमी बहुत गंभीर हो सकती है. बच्चों में विटामिन D की कमी होने से रिकेट्स हो जाते है. अगर इसका इलाज नहीं किया जाए तो शरीर पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. बच्चों की हड्डियां मुलायम होने लगती है और पैर थोड़े टेढ़े होने लगते है.
हड्डी रोग विशेषज्ञ के अनुसार विटामिन D हमारे शरीर के लिए बेहद जरुरी होती है. इसके साथ ही शरीर में इसकी कमी को दूर करने के लिए हम सूर्य की रौशनी पर निर्भर रहते है. लेकिन कुछ विटामिन D रिच फूड्स ऐसे होते है जो इस कमी को पूरा करने में मददगार साबित हो सकते है. इसके साथ ही विटामिन D शरीर में कैल्शियम को एब्जॉर्ब करता है. वहीं हमारे नर्व सिस्टम और मांसपेशीयों के लिए भी यह बेहद जरुरी होता है. बता दें कि दुनियाभर में बड़ी संख्या में लोग विटामिन D की कमी का सामना कर रहे है.
हड्डी रोग विशेषज्ञ की माने तो लोगों में बचपन से ही विटामिन D की कमी देखी जाती है. ऐसे में कैसे पता किया जाए कि बच्चों में विटामिन D की कमी है या नहीं. विटामिन D की कमी में अक्सर बच्चों में देखा जाता है कि उनके पांव तिरछे हो जाते है और बड़े होने पर यह और भी ज्यादा गंभीर हो जाती है. इसके साथ ही हड्डियां मुलायम होने लगती है और जल्द ही फ्रैक्चर होने का खतरा भी होता है. एक स्टडी के अनुसार हमारे समाज में 10 में 8 लोग विटामिन D की समस्या से जूझ रहे होते है. धुप में रहने के बाद भी कई बार हमारे स्कीन में मौजूद रिसेप्टर उसे अब्जॉर्ब नहीं कर पाते हैं.
कैसे करे विटामिन D की कमी पूरी ?
हड्डी रोग विशेषज्ञ के अनुसार हमें हर 2 महीने में विटामिन D की जांच करवानी चाहिए. इसके साथ ही सप्लीमेंट भी उसी के अनुसार लेना चाहिए. बच्चों को दूध से बने उत्पाद देने चाहिए, क्योंकि विटामिन D यह एक बेहतर स्रोत है. प्राकृतिक रूप से विटामिन D के लिए सुबह 11 बजे सुरज की रोशनी में बैठना लाभकारी साबित हो सकता है.