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रांची/डेस्क: चंद्रयान और सूर्य मिशन की सफलता के बाद, भारत अब शुक्र ग्रह (Venus) की ओर अपने कदम बढ़ा रहा हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में यह घोषणा की है कि भारत मार्च 2028 तक Venus Orbiter Mission (VOM) लॉन्च करेगा. इस मिशन का उद्देश्य शुक्र ग्रह के गहन अध्ययन के साथ-साथ अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत की नई तकनीकी और वैज्ञानिक क्षमताओं को प्रदर्शित करना हैं.
मिशन की लागत और तैयारियां
Venus Orbiter Mission की कुल 1236 करोड़ रूपए निर्धारित की गई है, जिसमें से 824 करोड़ रूपए Spacecraft पर खर्च होंगे. यह मिशन Indian Space Research Organization (ISRO) द्वारा संचालित किया जाएगा. मिशन का मुख्य उद्देश्य शुक्र ग्रह के वातावरण, उसकी सतह और अन्य विशेषताओं का अध्ययन करना है, जिससे भविष्य में पृथ्वी के विकास को समझने में मदद मिलेगी.
ISRO इस मिशन के तहत एक विशेष Orbiter को शुक्र ग्रह की कक्षा में भेजेगा. यह Orbiter शुक्र की सतह पर नहीं उतरेगा, बल्कि ग्रह के चारों ओर घूमेंगे और वहां से वैज्ञानिक डेटा इकट्ठा करेगा. इसमें ग्रह की संरचना, वातावरण और वहां मौजूद विभिन्न तत्वों की जानकारी जुटाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
शुक्र ग्रह को क्यों चुना गया?
शुक्र ग्रह, जिसे पृथ्वी का 'Sister Planet' भी कहा जाता है क्योंकि इसका आकार, भार और घने वातावरण के कारण पृथ्वी के समान माने जाते हैं. एक समय यह ग्रह रहने योग्य था लेकिन अब यह Solar System का सबसे गर्म ग्रह बन गया हैं. इसका अध्ययन पृथ्वी पर हो रहे संभावित बदलावों को समझने में मदद करेगा. शुक्र और पृथ्वी के विकास में समानता होने के कारण, इसके अध्ययन से पृथ्वी के जलवायु और वातावरण में हो रहे परिवर्तनों को बेहतर तरीके से समझा जा सकता हैं.
शुक्र ग्रह के अध्ययन से हमें यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि ग्रह की सतह और वातावरण कैसे बदलते है और साथ ही इससे भविष्य में पृथ्वी पर होने वाले बदलावों के प्रति भी वैज्ञानिकों को सचेत किया जा सकता हैं.
वैज्ञानिक दृष्टिकोण और ISRO का दृष्टिकोण
ISRO प्रमुख एस. सोमनाथ के अनुसार ग्रहों के विकास और पृथ्वी पर हो रही मानव गतिविधियों के प्रभाव को समझने के लिए शुक्र ग्रह का अध्ययन बेहद महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने यह बताया है कि शुक्र ग्रह को समझने से हमें यह भी पता चल सकता है कि पृथ्वी भविष्य में कैसे बदल सकती हैं.
महत्व और योगदान
यह मिशन भारत की Space Research क्षमता को और अधिक बढ़ाएगा और भारतीय वैज्ञानिक समुदाय को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाएगा. मिशन से प्राप्त डेटा से न केवल शुक्र ग्रह के बारे में गहन जानकारी मिलेगी बल्कि भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए भी तकनीकी रूप से मददगार साबित हो सकती हैं.
Venus Orbiter Mission भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का एक नया मील का पत्थर साबित हो सकता है, जो हमारे ग्रह के विकास को समझने और अंतरिक्ष के रहस्यों को उजागर करने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं.