बच्चों के बीच पहुंच सुकून मिलता है, ऐसा लगता है मानो हमारे बच्चे हैं: प्रवीण गागराई
न्यूज 11 भारत
लातेहार/डेस्क: आईटीडीए निदेशक पदभार लेने के साथ ही लातेहार जिले में शिक्षा के अलख जगाने में जुट गए हैं. नौनिहालों के सपने को पंख दे रहे हैं, हर दिल में उम्मीदों की किरण भर रहे हैं, अज्ञान के अंधेर को दूर भगाने के लिए नदी की अविरल धारा की तरह कार्य कर रहे हैं ये हैं आईटीडीए निदेशक प्रवीण गागराई. लातेहार जिला आदिवासी बहुल जिला है. इस क्षेत्र में खनिजों का प्रचुर मात्रा में भंडार भरा हुआ है. तो दूसरी ओर शिक्षा और गरीबी की बात की जाए तो यह आज भी जिले के लिए बहुत बड़ी समस्या है. आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में आदिवासी बच्चे और बच्चियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रहा था. पर जब से लातेहार आईटीडीए का पद प्रवीण कुमार गागराई ने संभाला है वह लगातार शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं और बच्चों को कैसे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले इसके लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं. उनके पदभार ग्रहण करने के साथ ही जिले में आश्रम आवासीय विद्यालय, तीन एकलव्य विद्यालय और पूर्व से चल रहे 12 जनजातीय आवासीय विद्यालय के आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिए कार्य कर रहे हैं.
बच्चों से मिल भावुक हो जाते हैं आईटीडीए निदेशक प्रवीण गागराई
परियोजना निदेशक प्रवीण कुमार गागराई को जब भी समय मिलता है वह जिले के किसी ना किसी स्कूल में पहुंच जाते हैं नन्हे मुन्हें बच्चों के बीच. वे कहते हैं कि इन बच्चों के बीच हमें ऐसा महसूस होता है कि ये मेरे ही बच्चे हैं. इनके पास आकर एक ओर जहां सुकून महसूस होता है वहीं बच्चों को किन किन समस्याओं से जुझना पड़ रहा है यह भी पता चलता है. इसके बाद उन समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए मैं जुट जाता हूं. साथ ही जब मैं किसी स्कूल में जाता हूं तो वहां के बच्चों में अलग ही उत्साह और कुछ जानने की ललक दिखती है। वह मुझ से पुछते हैं कि मैं कैसे आपके जैसे बन सकता हूं आदि आदि प्रश्न पुछते रहते हैं, जिसका मैं जवाब देता हूं.
पदभार लेने के बाद जिले में तीन एकलव्य विद्यालय और एक आश्रम विद्यालय शुरू करवाया
परियोजना निदेशक के पदभार लेने के साथ ही उन्होंने सबसे पहले जिले में भवन नहीं होने के बाद भी आश्रम विद्यालय शुरू करवाने का बीड़ा उठाया और फिर इस कार्य में जुट गए और आज जिला मुख्यालय के लड़की स्कूल में यह विद्यालय सुचारू रूप से संचालित हो रहा है, जिससे कई बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल रही है. वहीं जिले में तीन एकलव्य विद्यालय शुरू करवाने में भी इनका बहुत बड़ा योगदान हैं. जिले के तीन स्थानों लातेहार के नेगाई, बरवाडीह के मंगरा और गारू में एकलव्य विद्यालय शुरू हो चुका है. इन तीनों विद्यालय के शुरू होने से ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा अपने ही इलाके में सुलभ तरीके से मिल रहा है, इन विद्यालय में मिलने वाली शिक्षा बड़े शहरों में मिलने वाली शिक्षा से कम नहीं है. इस संबंध में प्रवीण गागराई कहते हैं कि आज अपने ही इलाके में रहकर बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ग्रहण कर रहे है. साथ ही अभिभावकों को भी आर्थिक बोझ नहीं झेलनी पड़ रही है.
कौन हैं प्रवीण कुमार गागराई
प्रवीण गागराई 41वीं बीपीएससी बैच के अधिकारी हैं. 10 मार्च 1999 में इन्होंने अपनी सार्वजनिक सेवा प्रारंभ की. 2020 में झारखंड के सबसे युवा डीडीसी के रूप में इन्होंने सरायकेला खरसांवा में अपनी सेवा दी और आज लातेहार परियोजना निदेशक के रूप में अपनी सेवा दे रहे हैं.
क्या कहते हैं परियोजना निदेशक
किसी भी सभ्य व्यक्ति की पहचान उसकी ज्ञान से होती है और ज्ञान अर्जित करने के लिए शिक्षित होना बहुत जरूरी है. आज हमारे जिले में कल्याण विभाग के द्वारा 13 विद्यालय संचालित हो रहे है. इन विद्यालयों में अभी भी कई समस्याएं है, जिसे दूर करने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है. आने वाले दिनो में हमारा लातेहार जिला भी शिक्षा के क्षेत्र में एक अग्रणी जिला बनेगा. यहां के बच्चों में सिखने की अलग ही ललक दिखती है.