अनंत/न्यूज़11भारत
बेरमो/डेस्क: तेनुघाट जेल में सर्वोच्च न्यायलय के निर्देशानुसार जेल अदालत सह कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. इस शिविर का उद्देश्य बंदियों को कानून की जानकारी देना और उन्हें अपने अधिकारों के बारे में जागरूक करना था. तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के प्रथम श्रेणी न्यायायिक दंडाधिकारी राजेश रंजन कुमार ने बंदियों को संबोधित करते हुए कहा, "अक्सर लोग आवेश में आकर या फिर नशे में अपराध करते हैं, लेकिन यह गलत है. अपराध तो अपराध होता है. उन्होंने बंदियों को बताया कि छोटे मोटे अपराधों में वे अपने दोष को स्वीकार कर जेल से बाहर निकल सकते हैं. साथ ही, अगर उनके खिलाफ थाना में मामला दर्ज किया जाता है और उन्हें थाना से नोटिस जारी किया जाता है, तो वे थाना में जाकर अपनी बात रख सकते हैं.
न्यायायिक दंडाधिकारी ने बंदियों को मिलने वाली सारी सुविधाओं के बारे में जानकारी दी और बताया कि जेल जेल नहीं है, बल्कि यह सुधार गृह है, जहां से वे अपने गलतियों पर विचार कर उसे सुधार कर बाहर निकल सकते हैं. उन्होंने आगे बताया कि अगर बंदियों को किसी भी प्रकार की समस्या या तो जेल में हो या फिर अपने मुकदमे को लेकर हो, तो वे बंदी आवेदन देकर अपनी समस्या का समाधान कर सकते हैं. इस शिविर में जेल अधीक्षक, जेल प्रशासन के अधिकारी और अन्य अधिकारी उपस्थित थे. यह शिविर बंदियों के लिए कानूनी जागरूकता और उनके अधिकारों के बारे में जानकारी प्रदान करने में मददगार साबित हुआ.