अभिषेक सिन्हा/न्यूज11 भारत
रांची/डेस्कः- नीट परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले का मास्टरमाइंड सिकन्दर यादव का झारखंड से जबरदस्त कनेक्शन रहा है. 2010 से पहले सिकन्दर झारखंड की राजधानी रांची में रहता था. उस वक्त उसका ठिकाना बरियातु हाउसिंग कॉलोनी में रहने वाले एक प्रोफेसर के घर में था. सिकन्दर प्रोफसर साहब के घर में किराए पर रहता था. झारखंड बिहार के चर्चित राजनैतिक दल के नेताओं के साथ सिकन्दर यादवेन्दु की खास पैठ थी. इस पैठ का फायदा उठाकर सिकन्दर रांची में ठेकेदारी का काम करता था लेकिन साथ ही साथ रांची में कई तरह के कारोबार में बिचौलिए का कारोबार भी करता रहता था. बाद में हाउसिंग कॉलोनी में सिकन्दर ने M टाइप क्वाटर खरीद लिया और उसमें परिवार के साथ रहने लगा.
2010 में लग गयी बिहार में नौकरी
इसी दौरान सिकन्दर की 2010 में बिहार सरकार में JE के पद पर नौकरी लग गयी. सिकन्दर को जानने वाले बताते हैं कि यह नौकरी भी उसने फरजीवाड़ा और राजनैतिक दल में रसूख के दम पर हासिल की थी. उसके सर्टिफिकेट पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं. इस बीच सिकन्दर यादव ने मेडिकल परीक्षा में दाखिले का खेल शुरु किया. इस रैकेट में उसने रांची के भी कई सफेदपोशों को अपने साथ जोड़ लिया.
जमीन कारोबारी अवधेश यादव अपने बेटे के साथ गिरफ्तार हुआ
NEET मामले की जांच में पुलिस ने रांची के कांके इलाके में रहने वाले जमीन कारोबारी अवधेश यादव को उसके बेटे के साथ NEET पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया है. उससे पूछताछ में यह साफ खुलासा हुआ कि अवधेश का सिकन्दर के साथ करीबी संबंध है और वह सिकन्दर के बरियातु स्थित क्वाटर में भी लगातार आना जाना करता रहा है. अवधेश कांके का वहीं जमीन कारोबारी है जिसपर कुछ दिनों पूर्व कांके ब्लॉक चौक में करीब 13 से ज्यादा गोलियां चलीं और कई गोलियां उसके शरीर को छेद कर लिकल गयीं.
क्या अवधेश के सिंडीकेट में राजधानी के और भी दलाल हैं सक्रिय ?
कांके रोड के जमीन कारोबारी अवधेश के द्वारा राजधानी के कुछ सफेदपोश लोगों से रुपये लेकर मेडिकल में दाखिला कराए जाने की जानकारियां भी पुलिस के हाथ लगी है.
अवधेश ने अपने रसूख के दम पर कई लोगों का मेडिकल में दाखिला कराया है और इसके लिए 25 लाख से लेकर 50 लाख रुपयों तक की वसूली की गयी है. यह पूरा काम काफी गुपचुप तरीके से अंजाम दिया जाता रहा. अब पुलिस के लिए सवाल यह हो गया है कि अवधेश के सिंडीकेट में और कितने लोग हैं जो लोग दाखिला के खेल को अंजाम देते हैं.