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रांची/डेस्कः बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार से बाहर निकलने के बाद सबसे पहले पूर्व सीएम हेमंत सोरेन जेएमएम सुप्रीमो और अपने पिता शिबू सोरेन से मिलने उनके आवास पहुंचे है. यहां वे अपने पिता का आशीर्वाद लेंगे. हेमंत सोरेन के साथ उनकी पत्नी कल्पना सोरेन भी मौजूद है.
जमीन घोटाला मामले में झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार से बाहर निकल गए है. उनके बाहर निकलने के बाद जेएमएम पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल है. जेल से बाहर निकले के बाद वे अपने पिता शिबू सोरेन से मिलने उनके आवास पहुंचे है. उनके साथ पत्नी कल्पना सोरेन भी मौजूद है.
जेल से निकलने के समय पत्नी कल्पना सोरेन और छोटे भाई बसंत सोरेन उन्हें जेल से लेने के लिए पहुंचे थे. जेल से निकलने के बाद वे कांके रोड स्थित अपने आवास के लिए रवाना हुए. अपने आवास पहुंचने से पहले वे अपने पिता शिबू सोरेन के आवास पर उनका आशीर्वाद लेने पहुंचे. हेमंत सोरेन के जेल से बाहर निकलने से राज्य में इंडिया गठबंधन के तमाम नेताओं में खुशी का माहौल है. वे एक-दूसरे के बीच मिठाईयां बांटकर खुशी जाहिर कर रहे है.
हेमंत के बाहर आने से इंडिया गठबंधन मजबूत होगा- कालीचरण मुंडा
खूंटी लोकसभा सदस्य कालीचरण मुंडा ने हेमंत सोरेन को जमानत मिलने पर कहा कि अदालत पर भरोसा था उनको न्याय मिला. हेमंत के बाहर आने से इंडिया गठबंधन मजबूत होगा और आने वाले जो विधानसभा के चुनाव होंगे उसे चुनाव में इंडिया गठबंधन मजबूती से उभरकर सामने आएगी
सत्य अपमानित हो सकता है पर पराजित नहीं- भगत सिंह
लोहरदगा से लोकसभा सदस्य सुखदेव भगत ने कहा कि सत्य अपमानित हो सकता है पर पराजित नहीं हो सकता है. अदालत पर हम लोगों को भरोसा था और जो निर्णय आया है उससे साफ हो गया की अदालत में नया मिलता है.
8.86 एकड़ जमीन घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. दरअसल, हाईकोर्ट ने मामले मे सुनवाई करते हुए हेमंत सोरेन को बेल दे दी है. हेमंत सोरेन को कोर्ट से जमानत मिलने की जानकारी के बाद प्रदेश के JMM और कांग्रेस के नेताओं में जश्न का माहौल है. प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर, जेएमएम नेता सुप्रियो भट्टाचार्य, कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी सहित कई नेताओं ने कोर्ट के फैसले पर खुशी व्यक्त की है.
मंत्री बसंत सोरेन बेल बॉन्ड की प्रक्रिया निपटाने कोर्ट पहुंचे है. हेमंत सोरेन के बेलर मंत्री बसंत सोरेन और विनोद पांडे होंगे. हेमंत सोरेन को 50- 50 हजार रुपए के दो बेल बॉन्ड पर जमानत मिलेगी.
हेमंत सोरेन के सरकारी आवास पर हलचल बढ़ी
शिबू सोरेन के आवास और जेएमएम कार्यालय में पूरा सन्नाटा पसरा हुआ है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कांके रोड स्थित सरकारी आवास में हलचल बढ़ने लगी है. लोग खुशी जाहिर करते हुए एक-दूसरे के बीच मिठाईयां बांट रहे हैं.
जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की कोर्ट ने हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर जमानत दे दी है. बता दें कि 13 जून को दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था. खुद को निर्दोष बताकर पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड हाईकोर्ट में जमानत की गुहार लगाई थी. याचिका में हेमंत ने खुद पर लगे आरोप को बेबुनियाद बताया है.
13 मई को पीएमएलए की विशेष कोर्ट ने हेमंत की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी. बता दें कि मामले में 31 जनवरी को ईडी ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद 13 दिनों तक ईडी ने रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी. जिसके बाद से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है.
8.86 एकड़ जमीन पर कब्जा करने का हेमंत सोरेन पर आरोप है. मामले में हेमंत सोरेन समेत 12 को ईडी ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है. हेमंत सोरेन समेत सभी आरोपियों के खिलाफ ईडी चार्जशीट दाखिल कर चुकी है.
इससे पहले, 13 जून को बड़गाईं अंचल जमीन घोटाला मामले में हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई थी. हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस रंगोन मुखोपाध्याय की कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान ED की ओर से बहस कर रहे वरीय अधिवक्ता एस वी राजू ने कोर्ट को बताया था कि हेमंत सोरेन के इशारे पर ही ED के अधिकारियों के ऊपर झूठे मुकदमे दर्ज करवाए गए थे. वह गामीन घोटाले मामले के सबसे बड़े लाभूक हैं. इसलिए उन्हें बेल नहीं दी जानी चाहिये. अगर उन्हें बेल मिलती है तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.
वहीं, हेमंत सोरेन के ओर से बहस कर रही वरीय अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा कि सदर थाना में जो मामला दर्ज हुआ है, उसकी जांच अभी होनी बाकी है. हमारी मांग फिलहाल बेल की है और केस की मेरिट पर फिलहाल जाने की जरूरत नहीं है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. सुनवाई के दौरान हेमंत सोरेन की पत्नी और व विधायक कल्पना सोरेन भी कोर्ट रूम में मौजूद थीं. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत में यह मामला सूचीबद्ध है. इस मामले में आज झारखंड हाईकोर्ट से आदेश आ सकता है.