न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: आज (25 सितंबर) जीतिया व्रत (जीवित्पुत्रिका व्रत) का दूसरा दिन है. आज के दिन महिला अपने बच्चे के लिए निर्जला व्रत रखती है. ये इस पूजा का महत्वपूर्ण दिन होता है. निर्जला का अर्थ है कि इस दिन व्रत करने वाली महिला बिना अन और जल के पूरे दिन रहती है. महिला ये व्रत अपने बच्चे की लंबी उम्र के लिए करती है. वहीं कई वैसी भी महिलाएं इस व्रत को रखती है. जिसे संतान प्राप्ति की इक्षा हो. पंचांग के अनुसार, जितिया व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी से लेकर नवमी तिथि तक मनाया जाता है.
ये है शुभ मुहूर्त और पारण का समय
बता दें, पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 24 सितंबर को दोपहर 12:38 बजे से प्रारंभ हो चुकी है. यह तिथि 25 सितंबर को दोपहर 12:10 बजे समाप्त होगी. उदया तिथि के अनुसार, इस वर्ष जितिया व्रत आज 25 सितंबर को मनाया जा रहा है. जितिया व्रत का पारण अगले दिन, अर्थात 26 सितंबर को किया जाएगा.
ये है मान्यता और नियम
जितिया व्रत के पहले दिन नहाय-खाय की परंपरा होती है. इस दिन व्रती महिलाएं स्नान के बाद भगवान जीमूतवाहन की विधिपूर्वक पूजा करती हैं. जिसके बाद वह सभी भोजन ग्रहण करती है. भगवान जीमूतवाहन को बच्चों की रक्षा के देवता भी कहा जाता है. भोजन करने के बाद महिलाएं दूसरे दिन निर्जला व्रत रखती है. इस दौरान वह न तो पानी पीती है और ना ही कुछ भोजन करती है. बता दें, जितिया व्रत के समय मन में किसी के प्रति द्वेष या नकारात्मक विचार नहीं रखने चाहिए. ऐसा करने से साधक को जीवन में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. साधक को इस दौरान ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना अनिवार्य है. वहीं तीसरे दिन सभी व्रती महिलाएं स्नान करने के बाद भगवान जीमूतवाहन को प्रसाद का भोग लगती है और फिर उस प्रसाद को अपने परिवार के साथ ग्रहण करती है.
ये भी पढे: जानें किस दिन है आश्विन मास का पहला प्रदोष व्रत, इस मंत्रों के जाप से मिलेगा फल