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रांची/डेस्क: पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित RG Kar Medical College और Hospital में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या के मामले में जूनियर डॉक्टरों ने 10 दिन बाद एक बार फिर से अपना काम बंद करने का ऐलान किया हैं. डॉक्टरों ने अस्पतालों में सुरक्षा और न्याय की मांग करते हुए राज्य सरकार पर वादों को पूरा न करने का आरोप लगाया हैं. इस बीच डॉक्टरों ने RG Kar और Sagar Dutta Medical College से श्यामबाजार तक मशाल रैली निकालकर अपना विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया हैं.
डॉक्टरों के मुताबिक, उन्होंने 10 दिन पहले राज्य के मुख्य सचिव से मुलाकात कर अस्पतालों में सुरक्षा को लेकर मांगें रखी थीं. हालांकि डॉक्टरों का यह आरोप है कि मुख्य सचिव द्वारा दिए गए निर्देशों पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे वह आंदोलन करने पर मजबूर हो गए हैं.
सुप्रीम कोर्ट में बड़ी सुनवाई
RG Kar Medical College की घटना को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली हैं. Chief Justice of India (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी. बेंच में जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल होंगे. इससे पहले 17 सितंबर को इस मामले की सुनवाई हुई थी लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया था.
डॉक्टरों की मांगें और आरोप
RG Kar Medical College के जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि वह अब तक केवल एक ही मुद्दे पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे और वह है पीड़ित महिला डॉक्टर के लिए न्याय. डॉक्टर अनिकेत महतो ने यह बताया कि, "हमारी सुरक्षा को लेकर मुलाकात के 10 दिन बाद भी हमारी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई हैं. इसी बीच Sagar Dutta Medical College में भी एक और घटना सामने आई है, जिसने हमारे गुस्से को और बढ़ा दिया हैं. अगर आज की सुनवाई में हमें न्याय की उम्मीद मिलती है तो हम अपना फैसला पुनर्विचार करेंगे, अन्यथा हम पूरी तरह से काम बंद करेंगे."
RG Kar Medical College की जूनियर डॉक्टर श्रेया शॉ ने बताया, "हमारी पांच मुख्य मांगें है, जो अभी तक पूरी नहीं हुई हैं. हमने सोचा था कि हमारे मरीजों को हमारी जरूरत है इसलिए हमने अपनी ड्यूटी दोबारा शुरू की. लेकिन Sagar Dutta Medical College में भी एक और घटना घटित हो गई. सरकार के साथ हमारी सारी बातचीत बेकार गई हैं. हमारी सीधी मांग है— सुरक्षा नहीं तो ड्यूटी नहीं. हम सुप्रीम कोर्ट से जल्द से जल्द न्याय की उम्मीद कर रहे हैं."
2 अक्टूबर को बड़ी रैली की तैयारी
जूनियर डॉक्टरों ने 2 अक्टूबर को एक सामूहिक रैली का भी आयोजन करने की घोषणा की हैं. उनका कहना है कि अगर राज्य सरकार और न्यायालय से उन्हें उचित सुरक्षा नहीं मिलती, तो वह अपने आंदोलन को और उग्र करेंगे. डॉक्टरों का कहना है कि वह अब सिर्फ सुप्रीम कोर्ट से न्याय की उम्मीद कर रहे है क्योंकि न्याय में देरी का मतलब उनके अनुसार न्याय से वंचित होना हैं.