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रांची/डेस्कः आगामी लोकसभा के चुनाव के तारीखों के ऐलान से पहले मोदी सरकार ने देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. बता दें, संसद से CAA (नागरिकता संशोधन कानून) पारित हुए करीब 5 साल हो चुके है. लेकिन अब केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला और कदम लेते हुए देश में CAA लागू कर दिया है. अब देश में CAA यानी नागरिकता संशोधन कानून आज से ही लागू हो जाएगा. इस कानून के तहत अब देश के तीन पड़ोसी देश के विस्थापित अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिलेगी. हालांकि भारत की नागरिकता के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा तैयार ऑनलाइन पोर्टल में आवेदन करने होंगे.
3 मुस्लिम देश के अस्पसंख्यकों को भारत में मिलेगी नागरिकता
बता दें, नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को पीएम मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने साल 2019 में संसोधन किया था. इस कानून के तहत साल 2014 के 31 दिसंबर से पहले भारत आने वाले तीन देश (पाकिस्तान, बंग्लादेश और अफगानिस्तान) के 6 अल्पसंख्यकों (ईसाई, हिंदू, जैन, सिख, पारसी और बौद्ध) को भारत देश की नागरिकता देने का प्रवधान किया गया था कानून के नियमों के अनुसार, इन तीन देशों से भारत आने वाले सभी अल्पसंख्यकों को देश में नागरिकता देने का अधिकार केंद्र सरकार के हाथों में होगा.
क्या है CAA कानून और इसके प्रावधान
आपको बता दें, CAA यानी (नागरिकता संशोधन कानून) में भारत के तीन पड़ोसी देश के मुस्लिम नागरिक को छोड़कर बाकी अन्य धर्मों के लोगों को देश में नागरिकता देने का प्रावधान है. इस कानून को लेकर केंद्र सरकार ने एक वेब पोर्टल तैयार किया है जिसमें उन्हें (तीनों देश के अल्पसंख्यकों को) आवेदन करना होगा. उन्हें इस पोर्टल में पंजीकरण (Registration) कराना होगा. और उनके पंजीकरण करने के बाद उनकी सरकारी जांच पड़ताल की जाएगी और उसके उपरांत उन्हें भारत की नागरिकता दी जाएगी. इसके साथ ही इन तीनों मुस्लिम देश (बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान) से आए विस्थापित अल्पसंख्यकों को कोई भी दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं होगी.
देश के इन 9 राज्यों में दी जा रही नागरिकता
बता दें, नागरिकता अधिनियम 1955 के अंतर्गत बंग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आने वाले सिख, जैन, पारसी, हिंदू, ईसाई और बौद्ध धर्म के लोगों को पिछले दो साल में देश के 9 राज्यों में 30 से अधिक जिला के मजिस्ट्रेट और गृह सचिवों को भारतीय नागरिकता देने की शक्तियां दी गई है. वहीं साल 2021-22 की गृह मंत्रालय की सलाना रिपोर्ट के अनुसार, बंग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान देश के गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को 1 अप्रैल 2021 से लेकर 31 दिसंबर 2021 तक अबतक करीब 1414 विदेशियों को भारतीय नागरिकता दी गई है. वहीं राज्य के जिन 9 राज्यों में बंग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के गैर मुस्लिम समुदाय के अल्पसंख्यकों को नागरिकता दी गई है उन राज्यों में छत्तीसगढ़, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, गुजरात और राजस्थान के नाम शामिल हैं.