देश-विदेशPosted at: अगस्त 23, 2024 Kota में PG संचालकों की मासिक आय 3 लाख से घटकर हो गई 30 हजार, आत्महत्या ने छात्रों की रोक दी कदम
सेलिब्रिटी टीचर, बड़े-बड़े होर्डिंग, कोचिंग की मार्केटिंग, सब फेल...
न्यूज़11भारत
रांची/डेस्क:- कोटा के एक प्रोफेशर प्रेमचंद गौतम का कहना है कि कोटा के रेलवे स्टेशन में जब बच्चे अपने पैरेंट्स के साथ उतरते थे तो स्टेशन पर ही अलग अलग कोचिंग संस्तान के कई बड़े बड़े व नामी होर्डिंग्स लगा हुआ रहता था. कई बच्चे तो मन ही मन में सपने सजा लेते थे कि आने वाले दिन में मेरा भी इस जगह पर फोटो लगेगी. यहां उतरते ही बच्चों को लगता था कि अब तो वे डॉक्टर व इनजिनीयर बन ही जाएगे. बच्चे सपने तो देख लेते हैं पर जब वे इसे पूरा नहीं कर पाते तो खुद को संबालना बड़ा मुश्किल हो जाता है. बच्चे जब स्टेसन से बाहर निकलते हैं तो उन्हें दो ही लोग मिलते हैं एक ऑटो वाला तो दूसरा दलाल, जो कोचिंग स्संथान व हॉस्टल के बारे में जानकारी देता है. पहले तो ऑटो वाला ही महंगा किराया वसूलता है फिर हॉस्टल वाला फिर अंत में कोचिंग संस्थान वाला. पर अब ये कोटा का चलन धीरे धीरे घटती नजर आ रही है. साल 2022 में जहां ढाई लाख विद्यार्थी यहां आते थे वहीं अब इसकी संख्या 1.20 लाख हो गई है.
कोटा में खाली हॉस्टल
अब तो कोटा में कोरल पार्क के आसपास 250 से ज्यादा घरों पर टू-लेट व फॉर सेल का पोस्टर लगा हुआ मिलेगा. यहां के संस्थानों में लगभग 35 से 40 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है, शिक्षा के नगरी कहे जाने वाले कोटा में पहले 2 लाख से भी ज्यादा ज्यादा उम्मीदवार आते थे पर अब तो ऐसा नहीं रहा.
हॉस्टल की आय तीन लाख से 30 हजार पर आ गई
बता दें कि कोटा शहर में करीब 4 हजार हॉस्टल व 1500 से अधिक मैस वाले हैं. यहां पर तो अधिकतर घरों में 6-7 हजार रुपए तक किराए लिए जाते हैं. कोरल पार्क में पीजी संचालकों का मासिक आय 3 लाख से घटकर 30 हजार हो गई है.