झारखंड » हजारीबागPosted at: नवम्बर 21, 2024 रिपेयरिंग की बजाय नए वाहन की खरीद पर नगर निगम का रहता है ध्यान, करोड़ों के वाहन खड़े-खड़े हो गए कबाड़
नगर निगम, हजारीबाग में पैसे की बर्बादी, उठ रहे है कई सवाल
प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: हजारीबाग नगर निगम में कूड़ा ढोने वाले दर्जनों टीपर वाहन, ट्रैक्टर, जेसीबी आदि कबाड़ की लाईन में खड़े है और कबाड़ में तब्दील होते जा रहे हैं. ऐसा नहीं है कि ये वाहन बहुत क्षतिग्रस्त या पुराने हो गए है बल्कि ये वाहन हाल फिलहाल के है और मामूली रूप से ब्रेक डाउन हुए थे. किसी का टायर घिस गया है या किसी की गियर फंसने की शिकायत थी. किसी मे मोबिल ऑयल चेंज करने की जरूरत थी या इसी तरह की छोटे मोटे कारण से एक बार जो खड़े हुए वो वैसे ही खड़े रह गए और अब धीरे धीरे सचमुच कबाड़ बनने की तरफ अग्रसर हैं. उन्हें ठीक कर काम में लाने की जहमत नहीं उठाई गई.
निगम प्रशासन के इस ढुलमुल रवैए से शहर में सफाई व्यवस्था प्रभावित भी होती रही, मगर ज्यादा असर नहीं पड़ता. क्योंकि पुराने वाहनों को ठीक कराने की बजाय नये वाहन खरीदने का प्लान तैयार करने पर ध्यान दिया जाने लगता हैं. फिर किसी दिन एकाएक नये वाहनों की खेप पहुंच जाती हैं. उसके बाद पुराने वाहनों की तरफ भला कोई क्यों ध्यान दे. यही क्रम चलता चला आ रहा है, जिसमें आम जनता के टैक्स के पैसे का उपयोग जैसे तैसे करके बोझ बढ़ाने का काम किया जा रहा हैं. गौरतलब है कि नगर निगम बोर्ड भी वर्तमान में भंग हैं. जनप्रतिनिधि के रूप में फिलहाल निगम में कोई नहीं हैं. सारे अधिकार निगम के प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ में केंद्रित हैं. कोई रोक टोक, सुझाव की गुंजाइश नहीं हैं. मनमाने तरीके से फैसले लिए जाते हैं. इसके पीछे कमीशन का खेल छुट कर खेला जाता हैं.