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रांचीः कक्षा 3 से 12वीं तक के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के हिसाब से एनसीएफ (राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा) तैयार हो गया है. जिसके प्रकाशन की तैयारी भी शुरू हो गई है. नई शिक्षा नीति-2020 की तीसरी वर्षगांठ 29 जुलाई 2023 या उससे पहले राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (National Curriculum Framework) की सामने आने की संभावना है.
नई किताबें तैयार करने के लिए की जाएंगी कमिटियां गठित
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (National Curriculum Framework) घोषित होने के बाद नई शिक्षा नीति के अनुसार किताबें तैयार करने के लिए कमिटी गठित की जाएगी. आपको बता दें, स्कूली शिक्षा में लगभग 150 सबजेक्ट्स की नई किताबें बनाई जाएंगी जो कक्षा 3 से 12वीं तक के लिए होंगी. शैक्षणिक सत्र 2024-25 के शुरूआती महीनों में ही नई शिक्षा नीति के अनुरूप कक्षा 3, 6 और कक्षा 9 की पहली किताबें आ जाएं इसे लेकर तैयारी चल रही है.
पिछली नीति की तुलना नई शिक्षा नीति में 5 गुना तेजी से काम
बता दें, आजाद भारत के बाद देश की पिछली और दूसरी शिक्षा नीति साल 1986 में आई थी. जिसकी किताबें 2008 तक आई. वहीं इस बार यानी 2020 में तीसरी नई शिक्षा नीति बनाई गई है. जिसमें 2 साल में प्री स्कूल की किताबें और 12वीं तक का कोर्स पूरा है.
नीति दस्तावेज ‘सार्थक’ में 297 टॉस्क लिस्ट हैं. इसमें से एक-तिहाई पूरा हो चुका है वहीं अगले एक तिहाई अंतिम चरण में है जबकि शेष दो साल में पूर्ण हो जाएंगे.
नई शिक्षा नीति में फाउंडेशन स्टेज (3 से 8 साल): किसी भी प्रकार की कोई परीक्षा नहीं
फाउंडेशन स्टेज की नये नियम
- प्री-स्कूल व बाल वाटिका में बच्चों को जादुई पिटारे से पढ़ाई होगी. जिसमें 53 किस्म के उनके लिए खेल-खिलौने, पोस्टर, बोर्ड, बिल्डिंग ब्लॉक, प्लेइंग कार्ड इत्यादि होंगे.
- बच्चों के कोई स्कूल बैग नहीं होंगे. सभी केंद्रीय विद्यालय में बाल वाटिका खोली गईं हैं, फरवरी में जादुई पिटारा जारी हो गया है.
- केवल प्राइवेट स्कूलों में ही प्ले ग्रुप और नर्सरी की कक्षाएं संचालित की जाती है लेकिन नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप शुरूआती के 3 साल तक सरकारी स्कूलों में भी पढ़ाए जाएंगे.
6 से 8 साल
- प्री-स्कूल व बाल वाटिका पूरी कर चुके 6 साल के बच्चे को ही स्कूल की पहली कक्षा में एडमिशन मिलेगा. और उनकी इस कक्षा में उन्हें केवल दो किताबें ही पढ़ाई जाएगी. जिसमें भाषा और गणित शामिल है.
- दूसरी कक्षा के बाद बच्चों का फाउंडेशन लेवल पूरा हो जाएगा. वहीं फाउंडेशन लेवल में उन्हें किसी भी तरह की कोई नहीं देनी होगी, यानी फाउंडेशन लेवल में कोई परीक्षा नहीं होगी.
बच्चों के जन्म से 3 साल तक पहली बार पैरेंट्स के लिए भी अर्ली चाइल्डकेयर एजुकेशन सिलेबस
स्वास्थ्य से संबंधित शिक्षाः (पालन-पोषण में क्या ध्यान रखें, क्या करें) भी तैयार हो चुका है. यह सिलेबस बहुत जल्द जारी कर दिया जाएगा.
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्री-प्रेटरी स्टेज (8 से 11 साल)
- कक्षा 3 में 8 साल के बच्चे को दाखिला मिलेगा. इसमें 3 भाषाओं के अतिरिक्त गणित की पढ़ाई होगी. कक्षा 5वीं तक पढ़ाई स्थानीय भाषा या मातृभाषा में होगी.
- नई शिक्षा नीति के अनुसार, बच्चों का कक्षा 3 में पहली बार मूल्यांकन होगा. इसके बाद आखिर में दूसरी बार कक्षा 5वीं मूल्यांकन होगा.
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मिडिल स्टेज (11 से 14 साल)
- वोकेशनल एक्सपोजर आरंभ होगा, 11 साल के बच्चों को कक्षा 6 में दाखिला मिलेगा. वहीं बच्चों को कक्षा 8 तक वोकेशनल एक्सपोजर कराया जाएगा. हालांकि इसका कोई मूल्यांकन नहीं होगा.
- इसमें बच्चे विज्ञान और भाषा के अलावे मानविकी विज्ञान, कला और सामाजिक विज्ञान की बेसिक स्टडी करेंगे.
- कक्षा 8 की पढ़ाई कंप्लीट होने पर बच्चों का तीसरा मूल्यांकन होगा. कक्षा 3, 5 और 8 में होने वाले मूल्यांकन बोर्ड परीक्षा की तरह नहीं होंगे.
- छात्रों के साथ उनके पैरेंट्स की नियमित काउंसलिंग होगी.
- बच्चों का 9वीं कक्षा से वोकेशनल एजुकेशन का मूल्यांकन होगा.
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सेकंडरी स्टेज (14 से 18 साल)
- कक्षा 9वीं का परिणाम कक्षा 10वीं में जोड़ा जाएगा. बता दें, 9वीं कक्षा से कक्षा 12वीं तक सेमेस्टर सिस्टम के हिसाब से पढ़ाई होगी.
- अगले सत्र से सेमेस्टर के शुरू होने की संभावना है. बोर्ड परीक्षा को लेकर बच्चों को साल में दो मौके मिलेंगे.
- कक्षा 9वीं-10वीं, कक्षा 11वीं-12वीं में कुल 16-16 कोर्स (पेपर) देने होंगे यानी बच्चों को एक साल में कम से कम 8 पेपर देने ही होंगे.
- कक्षा 9वीं के परिणाम कक्षा 10वीं के फाइनल सर्टिफिकेट में जोड़ा जाएगा, इसी प्रकार कक्षा 11वीं के परिणाम 12वीं के रिजल्ट में जुड़ेगा. और उसके बाद सर्टिफिकेट दिया जाएगा.
- कक्षा 9वीं व कक्षा 10वीं में 8 स्ट्रीम (विभाग) होंगे, जिसमें फिजिकल एजुकेशन, मानविकी भाषा, सोशल साइंस, वोकेशनल एजुकेशन, मैथमेटिक्स, साइंस, आर्ट्स और इंटरडिसिप्लीनरी समूह होंगे. इन सभी 8 समूह में हर से दो-दो (16 पेपर) चुनने होंगे.
- इन 8 समूहों में से न्यूनतम 3 समूहों से 4 सबजेक्ट्स (विषय) चुनने होंगे. हर विषय के 4-4 पेपर होंगे. चुनने के 150 विकल्प मिलेंगे.
- बता दें, अबतक कक्षा 11वीं व 12वीं के स्तर पर साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स संकाय हैं. लेकिन, अब संकाय का विभाजन नहीं होगा.
- संगीत, खेल और क्राफ्ट गतिविधियों को आर्ट्स एजुकेशन, फिजिकल एजुकेशन व वोकेशनल एजुकेशन का दर्जा मैथमेटिक्स, साइंस, मानविकी, भाषा व सामाजिक विज्ञान के बराबर होगा.
