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रांची/डेस्क: नवरात्र के नौ दिन मां दुर्गा को अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. आज (10 अक्टूबर) को चैत्र नवरात्रि का आठवां दिन है. नवरात्रि के दौरान महाअष्टमी का तिथि हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तिथि माना जाता है. इस दिन देवी दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा करने का विधान है. इस बार शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि 10 अक्टूबर को पड़ रहा है.
नवरात्र के आठवें दिन मां महागौरी की होती है पूजा
मां महागौरी देवी दुर्गा का आठवां स्वरूप है. नवरात्रि के दौरान अष्टमी को मां दूर्गा का आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाती है. महागौरी नाम दो शब्दों से मिलकर बना है, जिसमें "महा" का अर्थ है महान और शक्तिशाली, और "गौरी" का अर्थ है निष्पक्ष. इसलिए, देवी दुर्गा के इस अवतार को यह नाम उनके गोरे रंग के कारण मिला.
मान्यता है कि मां महागौरी की पूजा करने से व्यक्ति के शरीर में सोम चक्र जागृत होता है. इसके परिणामस्वरूप जातक को जीवन में सभी प्रकार की परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है. मां की कृपा और आशीर्वाद से सभी दुख-दर्द कम हो जाते हैं. इसलिए शास्त्रों में देवी दुर्गा के आठवें रूप महागौरी को ऐश्वर्य और अन्नपूर्णा के नाम से भी जाना जाता है.
कन्या पूजा के साथ शारदीय नवरात्रि का समापन
शारदीय नवरात्रि का समापन अष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजा के साथ होता है. आज के दिन हिंदू धर्म के हर समुदाय के भक्त एक साथ आते हैं. और नवरात्रि के दौरान अष्टमी पर कन्या पूजन करते हैं. नवरात्रि के दौरान अष्टमी पूजन पर, कई मूल निवासी अपनी मान्यताओं और परंपराओं के अनुसार, विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों और समारोहों जैसे मुंडन या मुंडन, भोजन चखना या अन्नप्राशन संस्कार और गृह प्रवेश या गृह प्रवेश का आयोजन करते हैं.
शुभ मुहूर्त
द्रिक पंचांग के अनुसार अष्टमी 10 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 31 मिनट से प्रारंभ है. 11 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 06 को अष्टमी का समापन होगा.
पूजा विधि
आज अष्टमी के दिन प्रात:काल स्नान-ध्यान के करने के बाद महागौरी की पूजा में श्वेत, लाल या गुलाबी रंग के वस्त्र धारण करें. सर्वप्रथम कलश पूजन करें और मां की विधि-विधान से पूजा करें. फिर देवी महागौरी को चंदन, रोली, मौली, कुमकुम, अक्षत, मोगरे का फूल अर्पित करे. इसके बाद देवी के सिद्ध मंत्र श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम: का जाप करें.