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रांची/डेस्क: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में सोमवार को पुलिस ने तीन नक्सलियों को मार गिराने का दावा किया हैं. मारे गए नक्सलियों में से दो की पहचान हो गई है, जिनमें प्रमुख रूप से 25 लाख रुपये के इनामी नक्सली रूपेश का नाम शामिल हैं. यह जानकारी बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (IG) सुंदरराज पी ने मंगलवार को दी हैं.
पुलिस के अनुसार, मुठभेड़ अबूझमाड़ के कठिन पहाड़ी इलाकों में हुई, जो छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमा पर स्थित हैं. मारे गए नक्सलियों में से एक Dandakaranya Special Zonal Committee (DKSZC) का प्रमुख सदस्य रूपेश था, जो माओवादी संगठन के शीर्ष नेताओं में से एक था. रूपेश पर राज्य सरकार द्वारा 25 लाख रुपये का भी इनाम रखा गया था.
आईजी ने क्या कहा
आईजी सुंदरराज ने बताया है कि यह मुठभेड़ राज्य में सुरक्षाकर्मियों और माओवादियों के बीच हालिया संघर्षों में से एक है, जिसमें माओवादियों को बड़ा नुकसान हुआ हैं. इस साल यह तीसरा अवसर है जब DKSZC का कोई बड़ा सदस्य मारा गया हैं. इसके पहले अप्रैल में नारायणपुर जिले में DKSZC का सदस्य जोगन्ना मारा गया था और सितंबर में रणधेर नामक एक अन्य सदस्य को दंतेवाड़ा जिले में मार गिराया गया था.
मुठभेड़ की जानकारी
पुलिस ने मुठभेड़ के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा है कि रूपेश माओवादियों की कंपनी नंबर 10 का नेतृत्व कर रहा था और महाराष्ट्र के गढ़चिरौली क्षेत्र में सक्रिय था. मुठभेड़ में एक अन्य नक्सली जगदीश जो मध्य प्रदेश के बालाघाट का निवासी था, वो भी मारा गया. वह डिवीजनल कमेटी का सदस्य था, जिसपर 16 लाख रुपये का इनाम रखा गया था. तीसरी नक्सली एक महिला थी, जिसकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई हैं.
भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद
मुठभेड़ स्थल से पुलिस ने भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया हैं. बरामद किए गए हथियारों में एक AK-47 राइफल, एक Self-Loading Rifle (SLR), एक Insas Rifle, एक 12 Bore Rifle, विस्फोटक सामग्री और दैनिक उपयोग की वस्तुएं शामिल हैं.
बस्तर संभाग में बढ़ी कार्रवाई
बस्तर संभाग, जहां माओवादी गतिविधियां लंबे समय से फैली हुई है, वहां पुलिस ने इस साल अब तक 157 नक्सलियों के शव बरामद किए हैं. संभाग के सात जिलों- कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच लगातार मुठभेड़ें हो रही हैं. आईजी सुंदरराज के अनुसार, इस वर्ष अब तक 663 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 656 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया हैं. पुलिस का यह मानना है कि यह कार्रवाई माओवादी संगठन की शक्ति को कमजोर कर रही है और स्थानीय क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति में सुधार हो रहा हैं.
माओवादी गतिविधियों का प्रभाव
दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (DKSZC), जो माओवादियों के सबसे शक्तिशाली संगठनों में से एक है, छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र के अलावा आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में सक्रिय हैं. सुरक्षाबलों के लगातार अभियानों से माओवादी संगठन के शीर्ष नेतृत्व पर दबाव बढ़ता जा रहा है, जिससे उन्हें पैर जमाने में कठिनाई हो रही हैं. पुलिस और सुरक्षाबलों का यह मानना है कि हालिया मुठभेड़ माओवादी संगठन के लिए एक बड़ा झटका है और इससे उनके प्रभाव में कमी आएगी. हालांकि माओवादियों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा और स्थानीय क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बहाल करने के प्रयास करते रहेंगे.