पुलिस लाईन के आवासीय परिसर में अवैध तरीके से आइसक्रीम फैक्ट्री बनाने, मत्स्य विभाग की जमीन कब्जा की हो जांच
प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ओबीसी विभाग के स्टेट को- ऑर्डिनेटर सुरजीत नागवाला ने हजारीबाग डीसी को पुलिस लाइन के अंदर आवासीय क्वार्टर के नजदीक बनी आइसक्रीम फैक्ट्री को लेकर पूरे मामले की जांच के लिए पत्रांक संख्या 209, दिनांक 26 दिसंबर 24 को पुनः पत्र लिखा हैं. इससे पूर्व नागवाला ने पत्रांक संख्या 117/24 दिनांक 9 सितंबर 24 को भी पत्र लिखा था. इस पर आज तक जिला प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई हैं. नागवाला ने कहा कि हजारीबाग पुलिस लाइन के अंदर आवासीय क्वार्टर के नजदीक खाता नंबर 20, प्लॉट नंबर 837, रकबा 6 डिसमिल, महाल नूरा, थाना संख्या 136 में अवैध रुप से बिना नियम कानून का पालन किए हुए आवासीय परिसर में आइसक्रीम फैक्ट्री बनाने का काम शुभम जायसवाल की और से गया है, जो नियम विरुद्ध हैं.
प्राप्त जानकारी और सबूत के अनुसार नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर 3 में एक अवैध आइस्क्रीम फैक्ट्री का निर्माण किया जा रहा हैं. यह फैक्ट्री बिना किसी नक्शा पास कराए और प्रदूषण से संबंधित एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) प्राप्त किए बिना बनाई गई हैं. इस जमीन का रकबा लगभग 6 डिसमिल ही है परंतु अवैध कब्जा कर कुल लगभग 8-10 डिसमिल पर निर्माण कार्य कर दिया गया हैं. जो जांच का विषय बन गया हैं. मिली जानकारी के अनुसार फैक्ट्री के लिए प्रदूषण विभाग से अब तक कोई एनओसी प्राप्त नहीं की गई हैं. आवासीय कॉलोनी के बीच में आइस्क्रीम फैक्ट्री का निर्माण न केवल कानून का उल्लंघन है बल्कि यह पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा उत्पन्न कर सकता हैं. फैक्ट्री से उत्पन्न होने वाला प्रदूषण कॉलोनी के निवासियों के लिए हानिकारक हो सकता हैं. खबर यह है कि यह अवैध निर्माण मत्स्य विभाग की मिलीभगत से किया गया हैं. इस प्रक्रिया में मत्स्य विभाग की जमीन पर भी कब्जा किया गया हैं. अवैध रूप से निमार्णाधीन फैक्ट्री का कुल कब्जा किए हुए क्षेत्र का 7240 वर्ग फुट है, जिसमें करीब 4012 वर्ग फुट का हिस्सा मत्स्य विभाग का हैं.
इस अवैध निर्माण के मामले में स्थानीय प्रशासन की लापरवाही भी स्पष्ट रूप से दिख रही हैं. बिना नक्सा पास कराए और बिना एनओसी के किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य कानून का उल्लंघन है लेकिन इसके बावजूद इस फैक्ट्री का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा हैं. स्थानीय निवासियों ने इस मामले में प्रशासन से जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की हैं. उक्त जमीन पर अवैध निर्माण के क्रम में चोरी से बिजली इस्तेमाल करने के आरोप में कम्पनी पर कड़ी कार्रवाई भी हुई हैं. सूत्रों के अनुसार बिजली विभाग के द्वारा हजारो रुपये का जुमार्ना लगाया जा चुका हैं. स्थानीय निवासियों में इस अवैध निर्माण को लेकर काफी रोष हैं. उनका कहना है कि आवासीय क्षेत्र में इस प्रकार के उद्योगों का निर्माण न केवल उनकी जीवन गुणवत्ता को प्रभावित करेगा, बल्कि उनके स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा उत्पन्न कर सकता हैं. निवासियों ने इस मामले में प्रशासन से उचित कार्रवाई की मांग की है ताकि इस अवैध निर्माण को रोका जा सके. इस मामले में नगर निगम अभी तक चुप्पी साधे हुए हैं.
मिली जानकारी के अनुसार जमीन के मालिक मिथिलेश उपाध्याय हैं, जिनका पता पुलिस कॉलोनी के नजदीक हैं. जमीन के उत्तर में बिनोद कुमार शरण का घर, दक्षिण में राजीव रंजन लाल का खाली जमीन, पूर्व में सड़क के पर संतोष कुमार व बिपिन सिंह और प्रमोद कुमार सिंह का मकान, इसके आगे भारतीय नेशनल क्रिकेटर शुभ लक्ष्मी का घर भी हैं. यह स्थान मत्स्य विभाग हजारीबाग की पूर्वी चारदीवारी से सटा हुआ हैं. अवैध निर्माण का सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि यह फैक्टर निजी और आवासीय कॉलोनी के बीच बनाया गया हैं. इस फैक्ट्री में कई जहरीली गैस का प्रयोग किया जाता हैं. इसमें कूलिंग के लिए कई हजार टन वाले वातानुकूल (एसी) का प्रयोग किया जाता है जिससे इतनी गर्म गैस निकलती है कि आसपास रहना दुर्लभ हो जाता हैं. इससे आसपास रह रहे लोगों के स्वस्थ पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। गैस रिसाव जैसी दुर्घटना होने पर जान माल की क्षति होने का भी खतरा बना रहता हैं. इस तरह का फैक्ट्री हमेशा आवासीय कॉलोनी से दूर बनाये जाते हैं, जिससे कि आम जनता को फैक्ट्री से होने वाले नुकसान से बचाया जा सके.