प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: हजारीबाग अपने प्रकृति सुंदरता के लिए पूरे राज्य भर में जाना जाता हैं. यहां कई ऐसी पक्षी पाई जाती है वह दुर्लभ हैं. उसी में एक है हॉर्नबिल. जिसे हिंदी में धनेश कहते हैं. इस पंछी की खासियत यही है कि इसके दो चोंच होते हैं. इस पंछी की सबसे बड़ी खासियत है कि यह स्वच्छता प्रेमी होता हैं. हमारे आसपास कई पंछी दिखते हैं. हजारीबाग पंछियों के लिए पूरे देश भर में जाना जाता हैं. यहां एक से एक खूबसूरत पंछी दिखते है, उन्हें में एक है धनेश. धनेश एक ऐसा पंछी जिसके दो चोंच होते हैं. यही इसकी खूबसूरती का राज भी हैं. आमतौर पर यह हजारीबाग के जंगली क्षेत्र में अधिक दिखता हैं. कभी कभार शहर में भी यह पंछी जंगल से आ जाता हैं.
इस पंछी के दो चोंच होते हैं. एक चोंच काम का होता है और एक दिखावे का होता हैं. नीचे वाले चोंच से वह खाना खाता हैं. ऊपर का चोंच उसकी सुंदरता को निखारता हैं. आमतौर पर पंछी जहां रहते है, वहां काफी गंदगी भी फैलाते हैं. अपना बीट पेड़ के नीचे या घोसला ही छोड़ देते हैं. धनेश अपना घोंसला गंदा नहीं करता हैं. महिला धनेश घोंसला बनाती है और अंडा देती हैं. पुरुष धनेश उसे घोसले में सूखा हुआ पेड़ का छाल जमा करता हैं. जब धनेश अंडा देती है और बच्चा बड़ा होता है और वह गंदा करता है तो पुरुष धनेश गंदगी को घोंसला से सूखा हुआ पेड़ का छाल हटा देता हैं. कहा जाए तो एक तरह से पुरुष धनेश डायपर का काम करता हैं. यही कारण है कि इस साफ सफाई पसंद करने वाला पंछी कहा जाता हैं. हजारीबाग में जो पंछी धनेश दिखा है वह ग्रे रंग का है, वही एक और प्रजाति है जिसकी चर्चा पुस्तकों में मिलती है वह रंगीन होता हैं. यह पंछी साफ सफाई बेहद पसंद करता हैं.