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रांची/डेस्क: अक्सर सभी लोगों ने अपने मां-बाप को यह कहते हुए सुना ही होगा कि दूसरे लोगों की मदद करनी चाहिए. उनका यह मानना है की लोगों की मदद करने से पुण्य मिलता हैं. बचपन से स्कूलों में और घर पर सबको यह सिखाया गया है कि हमेशा एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए. ऐसे ही थे आचार्य चाणक्य जो बेहद विद्वान थे. उन्होंने लगभग हर मुद्दों पर अपनी राय रखी हैं. उनके उपदेश ऐसे है जिसका आज भी लोग पालन कर आगे बढ़ते हैं. उनका मानना था कि किसी की मदद करना अच्छी बात है लेकिन उनका यह भी मानना है कि कुछ ऐसे लोग भी होते है जिनकी मदद करने से उल्टा लोगों को भारी पड़ सकता हैं.
जानते है क्या लिखा हुआ चाणक्य निति में इसके बारे में
चाणक्य निति के अनुसार इन चार लोगों की मदद नहीं करनी चाहिए.
नशे करने वाले लोगों की
जो लोग ज्यादा नशे करते है उनपर भरोसा नहीं किया जा सकता हैं. अक्सर किसी भी चीज को लेकर उनकी State Off Mind काफी अलग होती है, साथ ही उनके किसी भी कमिट्मेंट्स पर यकीन नहीं किया जा सकता हैं. ऐसे लोग हमेशा अपनी जिम्मेदारी से पीछे हटते हैं. ऐसे लोग हमेशा चीजों को जल्दी भूल जाते है और साथ ही पैसे भी यह पानी की तरह खर्च करते हैं. कभी-कभी ऐसे लोगों की मदद करना नुकसानदायक साबित हो सकती हैं.
दुखी रहने वाले लोगों की
जीवन में संतुष्ट रहना बेहद जरुरी हैं. जिसके पास जितना होता है उसमें ही खुश रहना चाहिए. ऐसी भाव से लोगों की आधी परेशानी तो ऐसे ही पार हो जाती हैं. जब लोग अपने जीवन से संतुष्ट नहीं रहते है तब वह हमेशा दुखी रहते हैं. एक दुखी इंसान हमेशा दुखी ही रहता हैं. ऐसे लोगों की मदद करने के बाद भी वह दुखी ही रहते है और हमेशा दूसरे लोगों को ही कोसते हैं. ऐसे में बहुत ही सोच-समझकर इनकी मदद करनी चाहिए.
बुरे चरित्र वाले लोगों की
बुरे या खराब चरित्र वाले लोगों से हमेशा दूरी बनाकर रखना चाहिए वरना ऐसे लोग खुद तो अपमानित होते ही है साथ ही दूसरों की भी इज्जत दांव पर लगा देते हैं. ऐसे लोगों की मदद करने से उल्टा नुकसान झेलना पड़ सकता हैं. इसलिए हमेशा ऐसे लोगों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए.
स्वार्थ भाव वाले लोगों की
आचार्य चाणक्य ने सदैव अच्छे सिद्धांथों और मूल्यों का सहयोग किया हैं. ऐसे लोगों की मदद करने का कोई फायदा नहीं होता हैं. ऐसा कहा जाता है कि स्वार्थ और लालच का कोई अंत नहीं होता हैं. इसलिए ऐसे लोगों की मदद नहीं करनी चाहिए.