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रांची/डेस्क: झारखंड में चल रहे जमीन घोटाले मामले की जांच में नया मोड़ आया हैं. रांची जिले में फर्जीवाड़ा और बल प्रयोग से जमीन की अवैध हस्तांतरण के मामलों की गहराई से जांच कर रहे विशेष जांच दल (SIT) को अब अंचलाधिकारी से सहयोग न मिलने के कारण समस्या का सामना करना पड़ रहा हैं. राज्य सरकार के निर्देश पर डीजीपी द्वारा गठित इस टीम ने अब रांची के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री को पत्र लिखकर अंचलाधिकारी से जांच में सहयोग की अपील की हैं.
रांची के अंचलाधिकारियों से सहयोग की अपील
एसआईटी के अध्यक्ष और CID की आईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल ने रांची के डीसी को पत्र में लिखा है कि जांच के दौरान विभिन्न अंचल कार्यलयों से आवश्यक फाइलों की जांच के लिए रिपोर्ट की मांग की गई थी लेकिन अब तक इन कार्यलयों से कोई सहयोग प्राप्त नहीं ह्या हैं. इन अंचल कार्यलयों में कांके, नामकुम, रातू, बड़गाईं, सदर और अरगोड़ा अंचल शामिल हैं.रांची के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से अब तक एसआईटी को 200 से अधिक आवेदन मिल चुके हैं. यह सभी आवेदन शहरी व ग्रामीण क्षत्रों के जमीन से संबंधित हैं.
जांच के क्रम में सबसे महत्वपूर्ण पहलू जमीन से संबंधित सीओ कार्यालय में फाइलों की जांच का हैं. सभी मामले मुख्यत: जमीन के एक बार से अधिक निबंधन व दाखिल खारिज से संबंधित हैं. इसमें अंचलाधिकारी कार्यालय की फाइलों की जांच अनिवार्य हैं. इसलिए अंचलाधिकारियों से सहयोग की अपील की गई हैं. यह जमीन घोटाले का मामला तब उजागर हुआ जब ED ने मनी लांड्रिंग के तहत बड़ी जांच शुरू की थी. ईडी ने रांची के शहरी और ग्रामीण इलाकों में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा और अवैध जमीन खरीद-फरोख्त का खुलासा किया.