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रांची/डेस्क: भारत एक कृषि प्रधान देश हैं. आज भी ऐसे कई लोग है जो खेती-बाड़ी करके अपनी रोजीरोटी चलाते हैं. इसके अलावा ऐसे कई लोग है जो भैंस और गाय पर अपनी जीविका के लिए निर्भर रहते है और ऐसे में आप भी ऐसे करने के सोच रहे थे तो जरा ठहर जाइए. दरअसल उत्तराखंड नगर निगम क्षेत्रों में आने वाले दिनों में सभी लोगों के लिए गाय और भैंस खरीदना आसान नहीं होगा. ऐसा करने के लिए उन्हें कई तरह के परमिशन लेने होंगे.
उत्तराखंड में व्यावसायिक डेयरी परिसर अनुज्ञाकरण नियमावली 2024 लागू करने की तैयारी तेज हो गई हैं. इसके तहत डेयरी व्यवसाय शुरू करने वालों को कई नए नियमों का पालन करना होगा. अब डेयरी संचालकों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से परमिशन लेना और नगर निकाय में पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा. इन नियमों के कारण डेयरी उद्योग में प्रवेश करना अब आसान नहीं होगा.
परमिशन और लाइसेंस होंगे अनिवार्य
पहले जहां लोग आसानी से डेयरी व्यवसाय शुरू कर लेते थे, अब शहरी विकास विभाग ने डेयरी व्यवसाय के लिए लाइसेंस को अनिवार्य कर दिया हैं. लाइसेंस मिलने के बाद उसकी कॉपी को डेयरी की दीवार पर लगाना भी अनिवार्य होगा. लाइसेंस जारी करने से पहले पशु चिकित्सक द्वारा डेयरी का निरीक्षण किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि गोबर का उचित निपटान किया जा रहा हैं. गोबर को नाली, नहर, या नदी में बहाने की अनुमति नहीं होगी.
लगेगा जुर्माना
नियमों का उल्लंघन करने पर डेयरी संचालकों पर 500 से 2000 रुपये का जुर्माना भी लगाया जा सकता हैं. डेयरी के पानी के उपयोग पर भी नियंत्रण रखा जाएगा और पशुओं को एक निश्चित क्षेत्र में रखने का मानक तय किया गया हैं.
सुझाव मांगे गए
शहरी विकास विभाग ने नए नियम लागू करने से पहले जनता से सुझाव भी मांगे हैं. इन नियमों के लागू होने से डेयरी व्यवसाय शुरू करने से पहले आवश्यक प्रक्रिया पूरी करनी होगी, जिससे पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी.
नए नियमों से बढ़ेगी सख्ती
इन नए नियमों के साथ डेयरी व्यवसाय को सुव्यवस्थित करने और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देने का प्रयास किया जा रहा हैं. डेयरी संचालकों को अब इन सभी मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा.