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रांची/डेस्क: इस दुनिया के कई धर्मो के लोग रहते है. ऐसे में उनकी आबादी को लेकर खूब चर्चा होती है. आज हम मुस्लिम आबादी के बारे में बात करने जा रहे है. मिली जानकारी के अनुसार, इस दुनिया में मुस्लिम आबादी करीब 2 अरब है. यह दुनिया की आबादी का करीब 24 फीसदी है. आपको बता दें कि दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ध्रर्म इस्लाम है. इंडोनेशिया, पाकिस्तान, भारत, बांग्लादेश, नाइजीरिया, मिस्र, तुर्की, ईरान, अल्जीरिया, चीन कुछ ऐसे देश है जो सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश है. दुनिया में कुछ देश ऐसे भी है जहां जि आबादी 100 प्रतिशत मुस्लिम है. इनमे मालदीव, मॉरिटानिया, ट्यूनीशिया जैसे देश शामिल है. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे रिसर्च के बारे में बताने जा रहे है. जिसेक अनुमान से आप हैरान हो जाएंगे.
प्यू रिसर्च के स्टडी में में यह अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2060 तक वैश्विक मुस्लिम आबादी 3 अरब के आंकड़े को पार कर जाएगी. इसका मतलब ये है कि वैश्विक मुस्लिम आबादी में 70 फीसदी की वृद्धि होगी. आपको बता दें कि इस आबादी के वृद्धि का अनुमान प्यू रिसर्च सेंटर की तरफ से किया गया. इस रिसर्च में बताया गया है कि दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला धर्म इस्लाम है. ऐसे में इसकी विस्तार की संभावना भविष्य में काफी अधिक है. अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में मुस्लिम आबादी में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी जाएगी. ऐसे में अगले 5 वर्षों में कनाडा में मुसलमानों की आबादी करीब तीन गुना हो जाएगी. वहीं मुस्लिम बच्चों की संख्या अमेरिका में भी तेजी से बढ़ेगी.
मुस्लिम आबादी की कनाडा और अमेरिका में तेजी से वृद्धि
प्यू रिसर्च सेंटर के रेसेराच के मुताबिक़, साल 2010 में कनाडा में मुस्लिम आबादी 940,000 से बढ़कर 2030 तक 2.7 मिलियन हो जाएगी. यह कुल आबादी का 6.6 फीसदी हिस्सा होगी. इस वृद्धि के पीछे का मुख्य कारण युवा मुस्लिम, उच्च जन्म दर और प्रवासन है. ठीक इसी तरह अमेरिका में भी मुस्लिम आबादी में तेजी से वृद्धि होगी. 0-4 वर्ष की आयु के साल 2010 में लगभग 200,000 मुस्लिम बच्चे थे. इनकी संख्या 2030 तक 650,000 से अधिक होने की उम्मीद है.
मुस्लिम जनसंख्या में वैश्विक स्तर पर वृद्धि के कारण
रिसर्च के अनुसार, इस्लाम के विस्तार के पीछे तीन बड़े मुख्य कारण है. आइए आपको इन कारणों के बारे में बताते है. इसमें सबसे पहला कारण है युवा आबादी. अन्य धार्मिक समूह की तुलना के मुताबिक़ मुस्लिम युवा काफी ज्यादा है. ऐसे में उनके विस्तार की संभावना काफी अधिक है. इसके बाद है उच्च प्रजनन दर, अन्य धर्मों के मुताबिक़ मुसलमानों की प्रजनन दर काफी अधिक है. ऐसे में उनकी संख्या काफी अधिक है. इसके बाद तीसरा कारण है धर्म परिवर्तन, कुछ इलाकों में इस्लाम में धर्म परिवर्तन की प्रथा भी मुस्लिम जनसंख्या में वृद्धि का एक कारण है.
हिंदू बहुलता भारत में बरकरार, घटेगी वैश्विक हिस्सेदारी घटेगी
इस रिसर्च में कहा गया है कि भविष्य में भी भारत और नेपाल हिंदू बहुल राष्ट्र बने रहेंगे. साल 2010 में भारत में 80 फीसदी हिस्सेदारी हिंदुओं की थी, वही साल 2025 में यह घटकर 77 प्रतिशत हो जाएगी. इसके बावजूद भी हिंदू धर्म का मुख्य केन्द्र भारत बना रहेगा. साल 2050 तक भारत की आबादी दुनिया की कुल आबादी का 18 फीसदी होगी. इसमें हिंदू धर्म की वैश्विक हिस्सेदारी 15 फीसदी रहेगी. अगले 25 सालों में वैश्विक हिंदू आबादी 1 बिलियन से बढ़कर 1.4 बिलियन हो जाएगी. यह वैश्विक प्रवृत्ति के बराबर है.