आशीष शास्त्री/न्यूज़11 भारत
सिमडेगा/डेस्क: चैत्र नवरात्र के महानवमी पर रविवार को सिमडेगा में सुहागिन महिलाओं ने अहले सुबह से देवी मंडप पंहुच मातारानी की अराधना की. नवरात्र में महानवमी का खास महत्व होता है. मां सिद्धिदात्री स्वरूपा देवी का पूजन अखंड सौभाग्य के साथ साथ सुख शांति प्रदान करती है. मान्यता है कि सिर्फ महानवमी पर देवी पूजन कर लेने से पुरी नवरात्र के पूजन का फल प्राप्त होता है. सुबह चार बजे से सुहागिन महिलाओं शहर के सलडेगा देवी मंडप पंहुच भगवती की पूजन स्तुति कर अखंड सुहाग की वर मांगी. देवी भागवत पुराण में बताया गया है कि सिद्धि और मोक्ष देने वाली दुर्गा को सिद्धिदात्री कहा जाता है. मां सिद्धिदात्री की पूजा ऋषि-मुनि, साधक, यक्ष, किन्नर, देवता, दानव और गृहस्थ आश्रम में जीवनयापन करने वाले पूजा करते हैं. इस पूजा करने से व्यक्ति को यश, धन और बल की प्राप्ति होती है. साथ ही माता की सच्चे मन से आराधना करने पर अष्ट सिद्धियां प्राप्त करती हैं. माता सिद्धिदात्री के पास गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, वशित्व, प्राकाम्य, महिमा, अणिमा और ईशित्व यह आठ सिद्धियां हैं. यह सभी सिद्धियां माता की कृपा और पूजा-अर्चना से प्राप्त की जा सकती हैं. शास्त्रों में बताया गया है कि माता की कृपा से ही सभी देवी-देवताओं को सिद्धियां प्राप्त हुई हैं. हनुमान चालिसा में उल्लेख मिलता है ‘अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता, अस वर दीन्ह जानकी माता’ में इन्हीं अष्ट सिद्धियों के बारे में बताया गया है.
