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रांची/डेस्क: असम में अवैध कोयला खदान में फंसे मजदूरों पर राजनीति शुरू हो गई है. विपक्षी दलों ने अवैध कोयला खदान में खनिकों के फंसने की घटना को लेकर असम सरकार की आलोचना की है. साथ ही कहा कि यह घटना प्रशासन की घोर लापरवाही के कारण हुई है. विपक्ष द्वारा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए लिए न्यायिक जांच की मांग की है. कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के कई सहयोगी संगठनों ने प्रशासन की लापरवाही के विरोध में गुवाहाटी में प्रदर्शन भी किया. बता दें कि, अवैध कोयला खदान में 5 दिन से फंसे 8 खनिक और 4 शव आज बरामद हुआ है.
इधर असम जातीय परिषद के अध्यक्ष लुईन ज्योति गोगोई और महासचिव जगदीश भुया द्वारा आरोप लगाया गया है कि असम में 1,000 करोड़ रुपये का बड़ा कोयला घोटाला हुआ है. उनका कहना है कि इस घोटाले में मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के करीबी लोग इसमें शामिल हैं. मुख्यमंत्री के करीबी देबलाल गारलोसा और तुलिराम रोंगहांग वाहिनी के इस घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया गया है. विपक्ष ने मांग की है कि डालमिया, स्टार, विनय, टोपकेम सिनांत को जांच के दायरे में लाया जाए. बता दें कि असम के दीमा हसाओ जिले में एक अवैध कोयला खदान में फंसे खनिकों का पता लगाने के लिए राज्य और केंद्रीय एजेंसियों का बचाव अभियान जारी है.