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रांची/डेस्क: आज 13 अप्रैल 2025 को दुनियाभर के ईसाई समुदाय द्वारा 'Palm Sunday' यानी 'खजूर रविवार' श्रद्धा और भक्ति के आठ मनाया जा रहा हैं. यह पर्व ईस्टर से ठीक एक सप्ताह पहले आता है और 'पवित्र सप्ताह' की शुरुआत का प्रतीक माना जाता हैं.
क्या है Palm Sunday की खासियत?
ईसाई मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन यीशु मसीह ने यरूशलेम नगर में विजयी रूप से प्रवेश किया था. लोगों ने उनके स्वागत में खजूर की डालियां लहराई और अपने वस्त्र बिछा दिए. यह दृश्य एक राजा के सम्मान में होने वाले स्वागत जैसा था, लेकिन यीशु ने गधे पर सवार होकर विनम्रता और शांति का संदेश दिया.
बाइबिल में वर्णित है पाम संडे
बाइबिल के अनुसार, जब यीशु मसीह यरूशलेम में प्रवेश कर रहे थे, तब लोगों ने खजूर की शाखाएं लहराते हुए और अपने कपड़े रास्ते पर बिछाते हुए उनका स्वागत किया. वे चिल्ला रहे थे, “होसन्ना! धन्य है वह जो प्रभु के नाम से आता है!” यह घटना मत्ती 21:1–11, मरकुस 11:1–11, लूका 19:28–44 और यूहन्ना 12:12–19 में वर्णित है. यीशु का गधे पर सवार होकर आना उनकी विनम्रता और शांति का संदेश देता है, जो जकर्याह 9:9 की भविष्यवाणी की पूर्ति है.
चर्चों में विशेष आयोजन
Palm Sunday में विशेष प्रार्थनाएं होती है, खजूर की डालियों को आशीर्वाद देकर लोगों में वितरित किया जाता हैं. श्रद्धालु इन डालियों से क्रॉस बनाकर घरों में लगाते है, जो आस्था का प्रतीक होता हैं. कई जगह जुलूस भी निकाले जाते है, जो यीशु के यरूशलेम आगमन की झलक पेश करते हैं.
Palm Sunday केवल परंपरा नहीं बल्कि आत्मिक शांति, विनम्रता और सेवा की सीख देता हैं. यह दिन याद दिलाता है कि सच्ची भक्ति कर्मों और प्रेम में छिपी होती हैं.