गौरव पाल/न्यूज़11 भारत
जमशेदपुर/डेस्क: बहरागोड़ा प्रखंड अंतर्गत पारूलिया प्लस टू उच्च विद्यालय में विषयवार शिक्षकों की कमी और पदस्थापना के संबंध में रविवार को ग्रामीणों ने विधायक समीर महंती को एक ज्ञापन सौंपा.बताया गया की उत्क्रमित प्लस टू उच्च विद्यालय पारुलिया में प्राइमरी से लेकर प्लस टू तक पढ़ाई होती हैं. विद्यालय में कुल नामांकित छात्रों की संख्या 476 है और इसके लिए प्रधानाध्यापक सहित 6 शिक्षक वर्तमान में कार्यरत है. अधिकतर शिक्षक दूसरे विद्यालय में प्रतिनियोजित है.इस विद्यालय के भी तीन शिक्षक देव नारायण पंडित, विक्टर विजय सामद और अजीमुद्दीन शेख दूसरे विद्यालय में प्रतिनियोजित है. तथा उक्त विद्यालय में लिपिक भी नहीं है. जिसके चलते शिक्षक को लिपिक का कार्य भी करना पड़ता है. इस कारण 1 से 12 तक कक्षाएं संभालना मुश्किल हो जा रहा है.
ग्रामीणों ने विधायक समीर महंती को मांग किया कि जल्द से जल्द इस विद्यालय में प्रतिनिधि शिक्षक तथा विषयवार पर शिक्षक की पूर्ति करें.इस स्कूल में चारदीवारी भी नहीं है जिसके चलते आए दिन बाहर के लोग स्कूल में घुसकर दारु भी पीते है.कई बार स्कूल का नल तथा पानी टंकी चोरी भी हुआ है. इस विषय पर विधायक श्री महंती ने ग्रामीणों को आश्वासन दिए कि जल्द से जल्द इस स्कूल शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन को अवगत कराएंगे फिर शिक्षक की बहाली कराएंगे तथा चार दिवारी की व्यवस्था भी करेंगे.
पिछले कई महीना पहले हाई स्कूल को मिला प्लस टू का दर्जा , ग्रामीणों में हर्ष का माहोल
पारुलिया हाई स्कूल छोटापारुलिया को प्लस टू का दर्जा मिलने से स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं सहित अभिभावकों में खुशी का माहौल है.इससे पारुलिया,ब्रामनकुंडी, कुमारडूबि आदि पंचायत के दर्जनों गांव के ग्रामीणों में काफी खुशी की लहर है. प्लस टू का दर्जा मिलने के बाद इस स्कूल की दशा सुधरेगी. साथ ही बच्चों को प्लस टू की पढ़ाई के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा. अबतक बच्चों को प्लस टू की पढ़ाई के लिए झांझीया ,जयपूरा व बहरागोड़ा जाना पड़ता था. जिससे ग्रामीण इलाके के बच्चों को कई कारणों से प्लस टू की पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ती थी. अभिभावकों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. अभिभावकों का कहना है कि अब जब प्लस टू का दर्जा विद्यालय को दे दिया गया है तो विद्यालय में शिक्षकों की बहाली भी होनी चाहिए, ताकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ मिल सके. स्कूल से मिली जानकारी के अनुसार पारुलिया हाई स्कूल छोटापारुलिया का स्थापना वर्ष 1950 में बिहार सरकार के समय किया गया था. तब पांचवी कक्षा तक ही बच्चों की पढ़ाई होती थी .इसके बाद ग्रामीण लगातार गोलबंद होकर प्लस टू विद्यालय की स्थापना की मांग कर रहे थे. बाद मध्य विद्यालय बना. उसके बाद उच्च विद्यालय का दर्जा मिला. इस बार विद्यालय को प्लस टू का दर्जा दिया गया है.इस विद्यालय में तकरीबन 450 बच्चें नामांकित है. कक्षा नवम वर्ग में 76 व दसवीं में 69 नामांकित बच्चे है.बताया गया कि ग्रामीण इलाके के बच्चों को कोई कारणों से प्लस टू की पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ती थी.विद्यालय के छात्रों को बाहर जाकर प्लस टू की पढ़ाई करने की पाबंदी खत्म हो गयी.इससे स्थानीय अभिभावकों को भी काफी मदद मिलेगी .बताते चलें कि विद्यालय में सैकड़ों छात्र अध्ययनरत हैं . इसके पूर्व मैट्रिक के बाद प्लस टू की पढ़ाई करने में विशेषकर छात्राओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था .विद्यालय से सर्वाधिक लाभ छात्राओं की शिक्षा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना जताई जा रही है. वर्तमान में विद्यालय में 6 शिक्षक कार्यरत हैं.