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रांची/डेस्क: 19 सितंबर, 2024 को पितृ पक्ष के दूसरे दिन श्रद्धालुओं के लिए श्राद्ध कर्म का महत्वपूर्ण अवसर माना जाता हैं. हिन्दू धर्म में पितृ पक्ष भाद्रपद पूर्णिमा से आरंभ होता हैं. यह तब होता है जब पूर्वजों की आत्मा को संतुष्ट करने के लिए श्राद्ध का आयोजन किया जाता हैं. इस वर्ष पितृ पक्ष के दूसरे दिन श्राद्ध कर्म करने का शुभ समय 19 सितंबर को 04:19 बजे से शुरू होकर 20 सितंबर को 00:39 बजे तक रहेगा. इस दिन कुतुप, रौहिण, और अपराह्न के शुभ मुहूर्त में श्राद्ध करना लाभदायक माना जा रहा हैं.
श्राद्ध के लिए मुहूर्त:
- कुतुप मुहूर्त: 11:50 बजे से 12:39 बजे (49 मिनट)
- रौहिण मुहूर्त: 12:39 बजे से 13:28 बजे (49 मिनट)
- अपराह्न काल: 13:28 बजे से 15:54 बजे (2 घंटे 27 मिनट)
कैसे करें श्राद्ध
श्राद्ध कर्म के लिए घर के मुख्य द्वार पर फूलों का भोग अर्पित करें और यम के प्रतीक कौआ, कुत्ता, और गाय को अन्न डालें. इसके बाद पात्र में दूध, जल, तिल और पुष्प रखें, और कुश व काले तिल से तर्पण करें. अंत में ब्राह्मण को वस्त्र, फल और मिठाई का दान करें या मंदिर में भोजन वितरित करें.
कौन कर सकता है श्राद्ध
पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध करने का अधिकार पुत्र, पौत्र, भतीजे और भांजे को हैं. श्रद्धालुओं का यह मानना है कि इस समय पितृ अपने परिजनों के घर आते है और आशीर्वाद प्रदान करते है, जिससे पितृ दोष से मुक्ति संभव होता हैं. इस महत्वपूर्ण दिन पर श्रद्धालुओं से यह अपील की गई है कि वह अपने पूर्वजों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करें और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करें.