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रांची/डेस्क: 117वें एपिसोड और 2024 के अंतिम एपिसोड 'मन की बात' को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आइए हम 2025 के महाकुंभ में भाग लेते हुए समाज में विभाजन और नफरत की भावना को खत्म करने का संकल्प लें". प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को लोगों से 2025 के महाकुंभ मेले में भाग लेते हुए समाज में विभाजन और नफरत की भावना को खत्म करने का संकल्प लेने का आग्रह किया.
बता दें कि हर 12 साल में एक बार आयोजित होने वाला महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी, 2025 को प्रयागराज में समाप्त होगा.
पीएम मोदी ने कहा कि कुंभ एकता का महाकुंभ है क्योंकि यहां कोई भेदभाव नहीं है और सभी समान हैं. उन्होंने कहा, "कुंभ आयोजन में पहली बार एआई चैटबॉट का इस्तेमाल किया जाएगा. एआई चैटबॉट के जरिए कुंभ से जुड़ी सभी तरह की जानकारी 11 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होगी. कहीं कोई भेदभाव नहीं है, कोई बड़ा नहीं है, कोई छोटा नहीं है. इसलिए हमारा कुंभ एकता का महाकुंभ भी है. श्रद्धालुओं को उनके मोबाइल फोन पर सरकार द्वारा स्वीकृत टूर पैकेज, ठहरने और होमस्टे की जानकारी दी जाएगी."
उन्होंने यह भी कहा कि 2025 के महाकुंभ में श्रद्धालुओं को विभिन्न घाटों और मंदिरों तक आसानी से पहुंचने में मदद करने के लिए डिजिटल नेविगेशन उपलब्ध होगा. उन्होंने कहा, "डिजिटल नेविगेशन की मदद से आप महाकुंभ 2025 में विभिन्न घाटों, मंदिरों और साधुओं के अखाड़ों तक पहुंच सकेंगे. यही नेविगेशन सिस्टम आपको पार्किंग स्थलों तक पहुंचने में भी मदद करेगा. पूरे मेला क्षेत्र को एआई संचालित कैमरों से कवर किया जा रहा है. कुंभ के दौरान अगर कोई अपने परिजनों से बिछड़ जाता है, तो ये कैमरे उसे खोजने में मदद करेंगे. श्रद्धालुओं को डिजिटल खोया-पाया केंद्र की सुविधा भी मिलेगी."
मुख्य स्नान पर्व, जिसे "शाही स्नान" के नाम से जाना जाता है, 14 जनवरी (मकर संक्रांति), 29 जनवरी (मौनी अमावस्या) और 3 फरवरी (बसंत पंचमी) को होगा, जब उपस्थित लोगों की संख्या सबसे अधिक होने की संभावना है. 12 साल में एक बार आयोजित होने वाले महाकुंभ में 45 करोड़ से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद है.
बता दें कि मन की बात प्रधानमंत्री मोदी का मासिक रेडियो कार्यक्रम है, जहां वे भारत के नागरिकों के साथ महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करते हैं. यह कार्यक्रम हर महीने के आखिरी रविवार को प्रसारित होता है. 3 अक्टूबर, 2014 को लॉन्च किए गए मन की बात का उद्देश्य भारतीय समाज के विभिन्न वर्गों, जिसमें महिलाएं, बुजुर्ग और युवा शामिल हैं, से जुड़ना है. 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा, 'मन की बात' 11 विदेशी भाषाओं में प्रसारित की जाती है, जिनमें फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तो, फारसी, दारी और स्वाहिली शामिल हैं. मन की बात कार्यक्रम का प्रसारण आकाशवाणी के 500 से अधिक केन्द्रों द्वारा किया जाता है.