मनीष मंडल/न्यूज11 भारत
बेंगाबाद/डेस्क: ईद का त्योहार मुस्लिम समाज के लोगों का एक बहुत बड़ा त्योहार हैं. यह पर्व एकता और भाईचारे का पैगाम लेकर आती है, जिसे मीठी ईद कहते हैं. ये त्योहार न सिर्फ इबादत का है बल्कि भाईचारा, मोहब्बत, एकता और खुशियों का पैगाम लेकर आती हैं. रमजान के पाक महीने में हर मुसलमान अल्लाह पाक के बेहद करीब रहता हैं. अल्लाह के करीब रहने और अल्लाह की रहमत पाने के लिए पूरी माह रोजा रखते हैं. रमजान के दौरान तरावीह अदा की जाती हैं. रमजान में अल्लाह की रहमत पाने और अपने गुनाहों की माफी के लिए मुसलमान पांचो वक्त की नमाज अदा करते हैं. अल्लाह की इबादत में हरघड़ी मशगूल रहते हैं.
माह-ए -रमजान की फज़ीलतों, इसमें की गई इबादत और रोजे का शुक्राना अदा करने के लिए मुसलमान ईद का नमाज पढ़ते हैं सिर्फ खुशी मनाना ही ईद का मतलब नहीं होता है बल्कि ईद का मतलब दूसरों के साथ खुशियां बांटना भी हैं. फितरा ईद की नमाज से पहले अदा करना जरूरी होता हैं. फितरा, गरीब रिश्तेदारों, जरूरतमंदों, बेवाओं और अनाथों को दिया जाता हैं. फितरा में कोई सीमा नहीं होती है यानी अपनी मन मर्जी के मुताबिक, फितरा दिया जाता यह सब ईद के नमाज के पहले की जाती हैं. ईद की नमाज हर मुसलमान खासकर मर्दों के लिए वाजिब यानी जरूरी होती हैं. इसे मस्जिदों या ईदगाह में जमात के साथ पढ़ा जाता है, जिससे समाज में एकता और भाईचारे का पैगाम मिलता हैं. इस नमाज की खासियत ये है कि ईद की नमाज दो रकात में अदा की जाती हैं. ईद की नमाज अल्लाह की रहमत और बरकत हासिल कर अल्लाह का शुक्रिया अदा करने का एक जरिया हैं. इस ईद के मौके प्रखंड विकास पदाधिकारी सुनील कुमार मुर्मू, बेंगाबाद थाना प्रभारी जीतेंद्र कुमार सिंह, एसआई विजय मंडल, एसआई रविंद्र कुमार, एसआई सुरेंद्र सिंह अपने दल बल के साथ सभी जगहों का भ्रमण करते हुए सभी को ईद की बधाई एवं शुभकामनाएं दी.

