प्रमोद कुमार/न्यूज़11 भारत बरवाडीह
बरवाडीह/डेस्क: हर साल की तरह इस साल भी हुजूर अनिसेबे कसा के रोजे की शान में एक भव्य जुलूस-ए-अकीदत (श्रद्धा जुलूस) निकाला गया. यह जुलूस बरवाडीह, गढ़वाटांड़, रेलवे कॉलोनी, मस्जिद मुहल्ला, अहरिपूर्वा से होते हुए इलाके के बाजारों में घुमाया गया. इस मौके पर मदरसा गुलजारबाग से विशेष चादर निकाली गई, जो पूरे जुलूस का केंद्र बिंदु बनी. इस चादर को बड़ी अकीदत (श्रद्धा) और एहतराम (सम्मान) के साथ उठाया गया. 5 जनवरी 2025 को यह जुलूस दाउदनगर, औरंगाबाद (बिहार) में पहुंचकर हज़रत सयद शाह वलीउल्लाह कादरी के सर परस्ती में पेश कर दी जाएगी.
इस मौके पर हाफिज, मौलाना, खुशतर रजा, सदर समिम खाँ, सेक्रेटरी गुलाम देश, हामिद असोरी, इमामुद्दीन खाँ, शाहीद, मुस्तफा खाँ, रूमी अब्दुल और मदरसे के तालिब-ए-इल्म (छात्र) समेत बड़ी तादाद में अकीदतमंदों (श्रद्धालुओं) ने शिरकत की. जुलूस के दौरान फिजा में रूहानी (आध्यात्मिक) माहौल छाया रहा. लोगों ने दुआ-ए-खैर (शांति और भलाई की प्रार्थना) की और अमन-ओ-अमान (शांति और सौहार्द) का पैगाम (संदेश) दिया. कार्यक्रम के अंत में सभी अकीदतमंदों ने हुजूर अनिसेबे कसा के तालीमात (शिक्षाओं) पर अमल करने और समाज में भाईचारे और मुहब्बत को कायम रखने का अहद (संकल्प) किया.