बसंत कुमार साहू/न्यूज़11 भारत
सरायकेला/डेस्क: चांडिल प्रखण्ड के तामुलिया काड़ाधोरा गांव में वन विभाग के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया गया. यह ज्ञातव्य हो कि कुछ दिन पूर्व 8-10 महिला जो अति गरीब लाचार असहाय आदिवासी महिला घर में खाना पकाने के लिए जंगल से चून चून कर सुखी लकड़ी इकट्ठा करके एक-दो बोझा लातें है परंतु वन अधिनियम 2006 रहने के बाद भी गरीब आदिवासी महिला को वन विभाग के अधिकारी द्वारा महिलाओं को धमकाया जा रहा है तथा महिला पुरुष के नाम से केस दर्ज कराया जा रहा है. आदिवासी महिला पुरुष समेत पूरे गांव के लोग को प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है.
वहीं समाजिक कार्यकर्ता बाबु राम सोरेन ने कहा कि चांडिल, मानगो, डीमना में आखिर सैकड़ों की संख्या में काट टाल, लकड़ी टाल कैसे चल रहा है कहीं वन विभाग की मिली भगत से तो नहीं चल रहा है? डी एफ ओ लकड़ी तस्करी करने वाले लकड़ी काट माफिया पर करवाई क्यों नहीं कर रही है ? गरीब आदिवासी महिला पुरुष के नाम पर कारवाई क्यों?
अगर तामुलिया काड़ाधोरा गांव के महिला पुरुष का केस वन विभाग वापस नहीं लेती है तो वन अधिकारी के नाम से रेंज आफिसर के नाम से आदिवासी उत्पीड़न केस दर्ज किया जाएगा एवं उग्र आन्दोलन किया जाएगा. मौके पर मांझी बाबा होपोन हेंब्रम, शंकर मुर्मू, सोनाराम हेम्ब्रम, छुटु हेंब्रम, भटमा मारडी, इन्द्र टुडू, बबलू टुडू, बबलू सोरेन, सुदन टुडू समेत सैकड़ों ग्रामीण एवं सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे.