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रांची/डेस्क: अबकी बार 400 पार का नारा भारत में लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिया था. लेकिन यह सिर्फ एक नारा बनकर ही रह गया. उस वक्त किसी ने ये नहीं सोचा होगा कि मोदी जी के इस नारे की गूंज लंदन तक सुनायी देगी. कुछ ऐसा ही दिखायी दे रहा ब्रिटेन के चुनाव में. यहां भारतवंशी ऋषि सुनक की पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है. पीएम ऋषि सुनक ने अपनी हार स्वीकार करते हुए स्टार्मर को बधाई दी है. सुनक ने इस हार की जिम्मेदारी खुद ली है.
लेबर पार्टी की प्रचंड जीत
किएर स्टार्मर की लेबर पार्टी ने प्रचंड जीत हासिल करते हुए 400 से ज़्यादा सीटों पर कब्ज़ा किया है. वहीं सुनक की कंजरवेटिव पार्टी 120 के आसपास सीटों पर सिमट गयी है. अब सवाल है कि किएर स्टार्मर के प्रधानमंत्री बनने से भारत और ग्रेट ब्रिटेन के रिश्ते पर क्या असर पड़ेगा.
14 सालों बाद लेबर पार्टी की सत्ता में वापसी
वर्ष 2019 में लेबर पार्टी ने सलाना जलसे में एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें इस बात पर जोर दिया गया था कि कश्मीर को आत्मनिर्णय का अधिकार दिया जाना चाहिये. भारत ने इस प्रस्ताव का जमकर विरोध किया था. उसी दौरान लेबर पार्टी के नेता किएर स्टार्मर ने कहा था कि कश्मीर पाकिस्तान और भारत का आपसी मसला है. किएर स्टार्मर ने चुनाव के दौरान यह वादा किया है कि वो भारत के साथ रिश्ते सुधारेंगे. जानकार बताते हैं कि स्टार्मर के राज में भारत और ब्रिटेन के रिश्ते और बेहतर होंगे. कंजरवेटिव पार्टी बीते 14 वर्षों से इंग्लैंड की सत्ता पर काबिज हैं. अब 14 सालों बाद लेबर पार्टी की सत्ता में वापसी हो रही है. या कह सकते हैं कि जिस तरह भगवान राम ने 14 वर्षों का वनवास पूरा किया था, उसी तरह लेबर पार्टी का 14 वर्षों का वनवास खत्म हो गया है. वहीं भारतीय मूल के पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को अब विपक्ष की कुर्सी पर बैठना होगा.