मोटर दुर्घटना संशोधन अधिनियम 2022 में माफी का प्रावधान नहीं होने से हजारीबाग कोर्ट में लगभग 60 केस लंबित
प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: बार एसोसिएशन भवन में मोटर दुर्घटना अधिनियम 2022 में संशोधन विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ. गोष्ठी की अध्यक्षता विजय कुमार सिंह ने की. अधिवक्ता राणा राहुल प्रताप ने विषय प्रवेश कराते हुए कहा कि मोटर दुर्घटना दावा अधिनियम 1988 में दावा दाखिल करने का समय सीमा निर्धारित नहीं था, जिसमें काल बाधा की समस्या से दो-चार आम जनता (आहत परिवार या आहत व्यक्ति) के समक्ष समस्या के रूप में प्रकट नहीं होता था, किंतु नये परिवहन अधिनियम 2022 के संशोधन में दुर्घटना के 6 माह के अंदर दावा दाखिल करने की निर्धारित समय सीमा है जबकि आहत परिवार या जख्मी व्यक्ति के ईलाज में ही 6 माह या सालभर लग जाते है और इस चक्कर में समय सीमा के अंदर फाइल नहीं होने पर विलंब से माफी का प्रावधान इस अधिनियम में कहीं नहीं है जो अव्यावहारिक हैं.
महासचिव सुमन कुमार सिंह ने कहा कि मोटर दुर्घटना संशोधन अधिनियम 2022 में माफी का प्रावधान नहीं होने से हजारीबाग कोर्ट में लगभग 60 केस लंबित है, जो काफी चिंता का विषय है और यह आम जनता से जुड़ा हैं. इसमें सुधार के लिए झारखंड के सभी सांसदों तक ज्ञापन के माध्यम से सभी बार एसोसिएशन को अवगत कराने का कार्य करेगी और अपने हजारीबाग सांसद को भी इस बात से अवगत कराएगी. इस कार्य के लिए राणा राहुल को अधिकृत किया गया. अन्य वक्ताओं ने मामलों में विलंब से माफी का प्रावधान हैं. संपत्ति से संबंधित हो या फिर श्रम अधिनियम में केस के मामले में भी विलंब से केस दाखिल करने के संबंध में माफी का प्रावधान निर्धारित है, जिसे कालबाधा के रूप में भी हम लोग जानते हैं.
नए अधिनियम में मात्र छः माह निर्धारित की गई है जबकि पुलिस के द्वारा चार्जसीट फाइल करने में 1 साल, 2 साल, 3 साल तक लग जाते हैं. ऐसे में समय सीमा निर्धारित किया जाना न्याय संगत प्रतीत नहीं होता हैं. यह नियम आम जन या आहत व्यक्ति या आहत परिवार की पक्ष में प्रतीत ना होकर, बीमा कंपनी की पक्ष में खड़ी कानून नजर आ रही हैं. यह भूल किसी कारण से हुआ हो कृपया सदन के माध्यम से इस नियम को यथाशीघ्र सुधार की जाए और यह कानून जनता के हित जनता के लिए प्रतीत हो, ऐसा सुधार किया. अधिवक्ता सत्येंद्र ओझा, शैलेंद्र कुमार सिन्हा, अधिवक्ता विजय कुमार सिंह आदि ने विचार व्यक्त किए. इस कार्यक्रम में उपस्थित दीपक कुमार, कुणाल कुमार, मनमीत कुमार, अरविंद कुमार राणा, बबलू कुमार, अनुपम, राघवेंद्र प्रताप सिंह, संत कुमार दीक्षित, दिनेश महतो आदि सैकड़ो अधिवक्ता इस कार्यक्रम में उपस्थित थे.