न्यूज11भारत
रांची: अपनी आर्थिक संकटों से घिरे पाकिस्तान को उसके ही मित्र देशों ने दे डाली है ऐसी नसीहत जो उसे बहुत पहले मिलना चाहिए था. जी हां दुनियाभर से आर्थिक मदद मांग रहें पाकिस्तान को उसके बड़े भाइयों ने दो टूक सलाह दी है कि कश्मीर का मुद्दा भुला कर भारत से मित्रता का हाथ बढ़ाएं.
साथ ही कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को लेकर पाकिस्तान ने जो दुनिभर में हो हल्ला मचाया हुआ था, उस पर भी सऊदी अरब और यूएई ने शहबाज सरकार को चुप्पी साधने के लिए कहा है. इधर यूएई तो पाकिस्तान की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए कश्मीर में बड़े पैमाने पर निवेश करने जा रहा है.
पाकिस्तानी मीडीया रिपोर्ट के मुताबिक अब तब पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे को लेकर इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी में अक्सर हो हल्ला मचाता रहा है. लेकिन इस बार ओआईसी ने पाक के इस विलाप पर कोई ध्यान नहीं दिया. बता दें सऊदी अरब ओआईएसी का सबसे प्रभावी देश है और उसे लीड करता है.
ओआईसी सऊदी अरब के इशारे पर चलता है. अब सऊदी अरब ने साफ कह दिया है कि ओआईसी कश्मीर को लेकर पाकिस्तान का साथ नहीं देगा. पाकिस्तान अब तक दुनिया के हर मंच पर कश्मीर का मुद्दा उठाता रहा है. हालांकि अब सऊदी अरब और यूएई के दो टूक संदेश से पाकिस्तान के सामने अब यह स्थिति है कि वह या तो अर्थव्यवस्था को बचाए या फिर कश्मीर का राग अलापता रहे.
मालूम हो कि इन दिनों पाकिस्तान अपनी बेहद दसनीय स्थिति से गुजर रहा है. हालत इतनी खराब है कि रोटी और उर्जा के लिए भी जनता मोहताज हो गयी है. ऐसे में इस्लामिक देशों द्वारा पाकिस्तान को मिली डांट से वैश्विक मंच पर उसे एक और झटका लगा है.
शांति का रास्ता अपनाए पाकिस्तान
कश्मीर के मुद्दे पर सऊदी अरब और यूएई ने यह भी कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ शांति का रास्ता अपनाए. खबरों की मानें तो यूएई ने जनरल बाजवा और इमरान खान के दौर में भारत के साथ बैक चैनल बातचीत का इंतजाम किया था. कहा जाता है कि कश्मीर को लेकर जनरल बाजवा भारत के साथ समझौते को लेकर सहमत हो गए थे लेकिन इस बैठक से इमरान खान अचानक से पीछे हट गए थे.
जनरल बाजवा के करीबी ने दावा किया था कि पीएम मोदी का पाकिस्तान दौरा होने वाला था लेकिन इमरान खान के अचानक पीछे हटने से यह नहीं हो सका. मीडीया रिपोर्ट के अनुसार सऊदी अरब और यूएई दोनों ही भारत के साथ आर्थिक रिश्ते बहुत मजबूत हो गए हैं. भारत चाहता है कि ये दोनों ही देश कश्मीर में बड़े पैमाने पर निवेश करें और पैसा कमाएं.
सऊदी और यूएई दोनों ही अपनी अर्थव्यवस्था को तेल की बजाय अन्य क्षेत्रों से कमाई करके मजबूत करना चाहते हैं. सऊदी और यूएई के कई बिजनसमैन कश्मीर को लेकर हुई बैठक में शामिल हुए थे. इससे पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा था जो कश्मीर को विवादित इलाका बताता रहा है.