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रांची/डेस्क: पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्र व्रत का आरम्भ आश्विन मास के शुक्लपक्ष के एकम प्रतिपदा तिथि को होता है. जिसके बाद 9 दिन तक माता की पूजा की जाती है. सभी माता के भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार माता को पूजन करते हैं. साथ ही अपने घर पर और मंदिरों में माता के कलश की स्थापना करते हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें, नवरात्रि में शक्ति का आवाहन करने और श्रद्धा के साथ पूजा करने से माता दुर्गा सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करती है. शारदीय नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना या किसी ब्राह्मण से पाठ को करवाना बहुत पुण्यकारी होता है.
इस दिन से हो रहा है नवरात्र का आरंभ
इस वर्ष नवरात्र का आरंभ 03 अक्टूबर 2024 (गुरुवार) से हो रहा है. आपकी जानकारी के लिए बता दें, इस वर्ष नवरात्रि में चतुर्थी तिथि का वृद्धि हुआ है और नवमी तिथि का क्षय हुआ है. इसलिए वजह से अष्टमी और नवमी तिथि एक ही दिन मनाए जाएंगे.
ये है कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
03 अक्टूबर 2024 दिन गुरुवार को सुबह से लेकर दोपहर के 03:17 बजे तक कलश स्थापना किया जायेगा. प्रतिपदा तिथि का आरंभ 02 अक्टूबर 2024 दिन बुधवार रात्रि 11:05 से प्रतिपदा तिथि का समाप्त 04 सितंबर 2024 रात्रि 01:01 मिनट तक हस्त नक्षत्र 03 अक्टूबर 2024 को दोपहर 03 :17 मिनट तक रहेगा. अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:14 से 12:02 दोपहर तक वहीं अमृत काल सुबह 08:45 से 10:33 सुबह तक रहेगा.
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इस प्रकार करें कलश स्थापना
जो भी भक्त इस बार माता का पूजन करना चाहते हैं. वह कलश स्थापना के दिन सुबह जल्द उठकर नित्य क्रिया से निर्वित होकर साफ कपड़ा पहन लें. इस दौरान आपको लाल रंग के कपड़े को धारण करना चाहिए. जिस स्थान पर आप बैठकर भगवान की पूजा करने जा रहे हैं. उस स्थल को साफ करके गंगाजल छिडके गंगा जी का थोडा मिट्टी लाए या साफ जगह से मिट्टी को लेकर उसमे जौ या सप्तधान्य को मिलाए. इसके बाद एक मिट्टी का कलश लें. जिसके ऊपर एक स्वस्तिक बनाए. इसके बाद लाल रंग के कपड़े से कलश को अच्छी तरह से लपेट दे. इसके बाद आम के पल्लव, सुपारी, फुल, पैसा, दूर्वा घास, अक्षत डाले. इसके बाद उसके ऊपर नारियल में मौली लपेटकर कलश पर रखे. ये सब करने के बाद इसके सामने एक छोटी चौकी रखे. चौकी पर लाल कपड़ा का आसन बिछाए. चौकी पर माता का प्रतिमा या फोटो रखे. उनको फुल, फल, सिंदूर, चन्दन लगाए. इसके बाद माता को अगरबत्ती दिखाए तथा भोग लगाये. फिर दुर्गा सप्तशती का पाठ करे या दुर्गा चालीसा का पाठ करें.
इन चीजों से रहें दूर
यदि आप नवरात्र के समय माता का पूजन कर रहे हैं तो, इस अवधि में घर के अंदर मांस मछली मदिरा तथा तामसिक वस्तु जैसे लहसुन, प्याज नहीं खाए. यही नहीं इस दौरान काले रंग के वस्त्र को भी धारण न करें. नवरात्र के दौरान किसी के साथ भी पैसे की लेन-देन ना करें. दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय चमड़े की वस्तु जैसे बेल्ट, पर्स, चपल का प्रयोग ना करें.
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