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रांचीः कोरोना काल के दो साल बाद इस वर्ष आज यानी 26 सितंबर से शारदीय नवरात्रि का त्यौहार शुरू हो रहा है. मातृशक्ति के इस महापर्व में मां दुर्गा के अनेक रूपों की पूजा की जाती है. वहीं, इसका समापन 5 अक्टूबर को होगा. साल में कुल चार बार नवरात्रि का त्यौहार आता है लेकिन चैत्र और शारदीय नवरात्रि को काफी खास माना जाता है. नवरात्रि का त्योहार संपूर्ण भारत में काफी धूमधाम से मनाया जाता है. इस पर्व की शुरूआत कलश स्थापना के साथ शुरू होता है. और अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन किया जाता है, आइए जानते है नवरात्रि कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि के बारे में जरुरी बातें..
शारदीय नवरात्रि शुरू हो चुका है आज से अगले 9 दिनों तक देवी दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की विशेष पूजा-आराधना की होगी. नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करते हुए मां के पहले स्वरूप शैलपुत्री की पूजा करने का विधान है.
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
- पहला मुहूर्त: सुबह 6:02 बजे से सुबह 7:03 बजे तक.
- दूसरा मुहूर्त: दिन के 11:41 बजे से शाम 04:12 बजे तक.
- अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:16 बजे से दोपहर 12:05 बजे तक रहेगा .
नवरात्रि पर क्या करें भक्त
- नवरात्रि पर नौ दिनों तक रखें उपवास
- नौ दिनों तक देवी दुर्गा की विशेष पूजा और श्रृंगार करें
- नवरात्रि पर हर रोज जाएं मंदिर
- देवी मां को प्रतिदिन करें जल अर्पित
- नवरात्रि पर अखंड ज्योति जरूर जलाएं
- अष्टमी-नवमी तिथि पर विशेष पूजा और कन्या पूजन करें
- ब्रह्राचर्य का पालन करें
नवरात्रि पर क्या न करें
- नवरात्रि पर घर में सात्विक भोजन ही बनाना चाहिए। घर के सदस्य अगर नौ दिनों तक व्रत नहीं रखे हुए हैं तो भी नौ दिनों तक भोजन में छौंक का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
- नवरात्रि पर खाने में मांसाहार, लहसुन और प्याज का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
- नवरात्रि के दिनों में अगर आपने घर में कलश स्थापना किया हुआ है तो घर को खाली छोड़कर नहीं जाना चाहिए.
- नवरात्रि पर दाढ़ी,नाखून और बाल नहीं कटवाना चाहिए.
- नवरात्रि पर बेवजह किसी वाद-विवाद में नहीं पड़ना चाहिए.
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मां दुर्गा के इन 9 स्वरूपों की होती है विशेष पूजा
शारदीय नवरात्रि शुरू होते ही 26 सितंबर यानी आज पहले दिन कलश स्थापना के साथ माता दुर्गा के पहले स्वरूप शैलपुत्री की पूजा की जाएगी. फिर इसके बाद लगातार नौ दिनों तक मां शक्ति की पूजा की जाएगी. बता दें, अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन करने का विधान होता है. हिंदू धर्म में नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व होता हैं इसमें देवी के नौ स्वरूपों पूजा की जाती है जिससे भक्तों को अलग-अलग फल प्राप्त होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
शारदीय नवरात्रि 2022
दिन नवरात्रि दिन तिथि पूजा-अनुष्ठान
26 सितंबर 2022 नवरात्रि दिन 1 प्रतिपदा मां शैलपुत्री पूजा घटस्थापना
27 सितंबर 2022 नवरात्रि दिन 2 द्वितीया मां ब्रह्मचारिणी पूजा
28 सितंबर 2022 नवरात्रि दिन 3 तृतीया मां चंद्रघंटा पूजा
29 सितंबर 2022 नवरात्रि दिन 4 चतुर्थी मां कुष्मांडा पूजा
30 सितंबर 2022 नवरात्रि दिन 5 पंचमी मां स्कंदमाता पूजा
01 अक्तूबर 2022 नवरात्रि दिन 6 षष्ठी मां कात्यायनी पूजा
02 अक्तूबर 2022 नवरात्रि दिन 7 सप्तमी मां कालरात्रि पूजा
03 अक्तूबर 2022 नवरात्रि दिन 8 अष्टमी मां महागौरी दुर्गा महा अष्टमी पूजा
04 अक्तूबर 2022 नवरात्रि दिन 9 नवमी मां सिद्धिदात्री दुर्गा महा नवमी पूजा
05 अक्तूबर 2022 नवरात्रि दिन 10 दशमी नवरात्रि दुर्गा विसर्जन, विजय दशमी