अमन कुमार/न्यूज़ 11 भारत
लातेहार/डेस्क: लातेहार टूरिज्म, कलाकृति आर्ट फाउंडेशन, नैचुरल एंड ह्यूमन रिसोर्स वेलफेयर फाउंडेशन, झूमर रिसॉर्ट और लेक व्यू रिसॉर्ट के संयुक्त सहयोग से नेतरहाट स्कूल में विशेष सोहराय पेंटिंग वर्कशॉप का आयोजन किया गया. इस वर्कशॉप का उद्देश्य झारखंड की पारंपरिक सोहराय चित्रकला को नई पीढ़ी तक पहुँचाना और उन्हें अपनी सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ना था. इस कार्यक्रम में स्कूल के बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और झारखंड की प्रसिद्ध सोहराय कला को सीखा. प्रसिद्ध सोहराय कलाकार धनंजय कुमार ने बच्चों के साथ इस कला की बारीकियाँ साझा कीं, जैसे—रंगों का चयन, पारंपरिक डिज़ाइन, ब्रश की तकनीक और चित्रों के सांस्कृतिक महत्व. उन्होंने बच्चों को यह भी बताया कि कैसे सोहराय पेंटिंग झारखंड के आदिवासी समाज की परंपरा और उनकी आस्था का प्रतीक है.
इस अवसर पर नेतरहाट स्कूल के प्राचार्य संतोष पाठक जी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि "इस प्रकार के कार्यक्रम बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक होते हैं. कला और संस्कृति से जुड़ाव न केवल उनकी रचनात्मकता को बढ़ाता है, बल्कि उनकी सोचने-समझने की क्षमता को भी विकसित करता है. "लातेहार टूरिज्म के प्रोपराइटर गोविंद पाठक ने बताया कि, "झारखंड की कला और संस्कृति को जीवंत रखने के लिए हमें इसे आने वाली पीढ़ी तक पहुँचाना होगा. यह वर्कशॉप बच्चों के लिए एक अनूठा अवसर था, जहाँ उन्होंने कला के साथ-साथ अपनी सांस्कृतिक जड़ों को भी पहचाना."
नैचुरल एंड ह्यूमन रिसोर्स वेलफेयर फाउंडेशन की ओर से भी इस पहल का स्वागत किया गया और भविष्य में झारखंड की पारंपरिक कलाओं को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने की प्रतिबद्धता जताई गई. इस आयोजन से न सिर्फ बच्चों में कला के प्रति रुचि बढ़ी, बल्कि झारखंड की समृद्ध परंपरा को भी एक नया मंच मिला. लातेहार टूरिज्म और सहयोगी संस्थाएँ भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करती रहेंगी, जिससे पर्यटन, स्थानीय कला और संस्कृति को प्रोत्साहन मिले.