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रांची/डेस्क: आज ले जमाने को डिजिटल ज़माना भी कहा जाता है. यह डिजिटल ज़माना हमारे जीवन को बहुत ही आसन बना चूका है. चाहे वह किसी भी तरीके से क्यों न हो. जब आपका मन किया तब आपने एक क्लिक से अपने पास कहने-पीने के सामान या दवाइयां मंगा सकते है. लेकिन इस डिजिटल दौर में कुछ लोग ऐसे भी है जो साइबर ठग कहलाते है. यह लोग ऑनलाइन और कई तारा के ठगी करके लोगों के खाते से पैसे उठा लेते है. सरकार इन लोगों से बचने के लिए लगातार प्रचार करती रहती है. लेकिन तब भी कई लोग इनका शिकार हो जाते है.
ठगों ने ATM मशीन को भी नाह छोड़ा, उन्होंने ऐसा तरीका निकाला है कि ATM मशीन से भी वह लोगों के साथ फ्रॉड कर सकते है. जी हां आपने सही सुना, आइये आपको एक ऐसा मामले इ बारे में बताते है, जिससे आपको इस ATM फ्रॉड के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी.
उत्तर प्रदेश से पकड़ा ठगों का गिरोह
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में ठगों का एक गिरोह पकड़ाया है. यह ठग ATM के बाहर खड़े रहते है. यह यहां हदे होकर लोगों की मदद करने के बहाने उनके ATM कार्ड बदल देते हुई. इसके बाद वह असली कार्ड से कहते से पैसे निकाल लेते थे. कई लोगों को इस गिरोह इ लाखों रुपये का चूना लगाया है.
ATM फ्रॉड का अनोखा तरीका
इस ठग के शिकार हुए पीड़ित ने जब इस बारे में पुलिस को शिकायत की, तब पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की. ऐसे में ATM बूथ के CCTV फुटेज खंगाले गए. इस फुटेज में तीन संदिग्ध लोग नजर आए. इसके बाद पुलिस ने उस इलाके की निगरानी बढ़ा दी. इसके उन तीनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
आपको बता दें कि यह गिरोह उन लोगों को टारगेट करता था, जिन लोगों को ATM से पैसे निकालने नहीं आता है, या पैसे निकालने में दिक्कत होती थी. जैसे जब भी कोई अनजान बुजुर्ग व्यक्ति ATM से पैसे निकालने आया था, तब इस गिरोह का कोई एक व्यक्ति उसके पास मदद करने जाता था. इसके बाद वह धीरे-धीरे उन्हें भ्रमित करता था और इसी क्रम में वह उनके ATM कार्ड बदल देता था.
पहले पीड़ित से बातचीत के दौरान यह ठग उन्हें उलझाते है और फिर यह लोग खुद पैसे निकालने में मदद करने का नाटक करते है. इस दौरान ठग लोगों का पिन नंबर देख लेता है. इसके बाद बड़ी चालांकी से वह कार्ड बदलता है और उसके असली कार्ड से पैसे निकाल लेता है. इस बात का शक जब तक पीड़ित को होता है, तब तक तोवह ठग उसके खाते से हजारों रुपये निकाल लेता है.
पीड़ित से कैसे हुई ठगी
इस मामले से संबंध में एक पीड़ित ने पुलिस को बताया कि ATM से जब वह पैसे निकालने गया तो उस वक़्त तीन लोग उसकी मदद करने के बहाने से उसके पास आए और उसका कार्ड बदल दिया. इसके बाद जब वह घर पहुंचा, तब उसके मोबाइल में मैसेज आया कि उसके खाते से 23 हजार रुपये निकाले गए है. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस गैंग के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया. इन आरोपियों के पास से पुलिस ने कुल 17 हजार रुपए नकद, एक बाइक, एक स्कॉर्पियो, अवैध हथियार और एक दर्जन एटीएम कार्ड बरामद किये है. पूछताछ के दौरान पुलिस को यह पता चला कि यह ठगी वह काफी लंबे समय से कर रहे थे. इस गिरोह के मुख्य सरगना का नाम है दिनेश पटेल है. वह पहले से ही एक बड़ा अपराधी है. उसके खिलाफ, लूट, हत्या और ठगी के 32 से भी ज्यादा मामले दर्ज है. इसके अलावा उसके दो साथियों पर भी आपराधिक मुकदमे दर्ज है.
मिली जानकारी के अनुसार, पकड़ें गए दो अपराधी पहली बार इस गैंग के साथ काम कर रहे थे. गैंग का सरगना दिनेश पटेल अक्सर नए लोगों को अपने साथ जोड़कर काम करता है. ऐसा वह सिलिये करता है ताकि पुलिस उस तक पहुंच ना पाए. फिलहाल पुलिस इस गिरोह के बाकी के सदस्यों की तलाश में जुटी है.