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रांची/डेस्क: स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म स्पेसएक्स पर पुष्टि की है कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) पर फंसे अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को लेकर अंतरिक्ष यान वहां पहुंच गया है. इस साल जून में सुनीता विलियम्स और विल्मोर 10 दिन के दौरे पर आईएसएस गए थे. हालांकि, उनके अंतरिक्ष यान में खराबी के कारण इसे खाली ही धरती पर वापस बुला लिया गया था. फिलहाल, दोनों के फरवरी 2025 से पहले धरती पर लौटने की संभावना नहीं है.
नासा का यह मिशन कुल 10 दिनों का था, जिसमें उन्हें आठ दिन आईएसएस में बिताने थे. तकनीकी समस्याओं के कारण यह मिशन एक बुरे सपने में बदल गया. स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में हीलियम रिसाव की शिकायत थी. इसे ठीक करने के प्रयास किए गए लेकिन खराबी को पूरी तरह से दूर नहीं किया जा सका. इसके बाद इस अंतरिक्ष यान को धरती पर सुरक्षित उतार लिया गया.
नासा ने सुनीता विलियम्स को आईएसएस का कमांडर बनाया है. जाहिर है, अंतरिक्ष यात्री आठ दिनों तक अंतरिक्ष में रहने के लिए मानसिक रूप से तैयार थे. ऐसे में इस लंबे अंतरिक्ष दौरे की वजह से उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का भी सामना करना पड़ा. इसके अलावा अंतरिक्ष यात्रियों को बॉडी बोन डेंसिटी की कमी की समस्या का भी सामना करना पड़ रहा है. दरअसल, वहां हड्डियों का वजन भी कम हो जाता है और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. इसकी वजह से टिश्यू डैमेज होने लगते हैं.
सुनीता विलियम्स जैसी अंतरिक्ष यात्री की हड्डियों का घनत्व हर महीने 1.5 प्रतिशत कम होता है. इसके अलावा अंतरिक्ष का रेडिएशन भी दोनों अंतरिक्ष यात्रियों के लिए खतरा बन सकता है. आईएसएस में रहने के दौरान दोनों अंतरिक्ष यात्री लगातार शोध और लैब में सहयोग भी कर रहे हैं. उन्हें वापस लाने के लिए जो स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन कैप्सूल भेजा गया है, उसमें निग हैग और रूसी अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गुरबुनोव भी पहुंचे हैं. नासा ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें सुनीता विलियम्स नए मेहमानों का स्वागत कर रही हैं.