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रांची/डेस्क: भारत की बेटी और नारी शक्ति की प्रतीक सुनीता विलियम्स की जीवनी बहुत प्रेरणादायक है. फिलहाल, अंतरिक्ष यान में तकनीकी खराबी के कारण वे पिछले आठ महीने से अंतरिक्ष में फंसी हुई हैं. जानकारी के अनुसार, उन्हें धरती पर लौटने में चार से पांच महीने अभी और लग सकते हैं. अपने साथियों के साथ तमाम चुनौतियों का सामना कर रही भारतीय मूल की यह अंतरिक्ष यात्री 19 सितंबर को धरती से करीब 400 किलोमीटर दूर अपना 59वां जन्मदिन मनाएंगी. इससे पहले भी वे अपना जन्मदिन अंतरिक्ष में मना चुकी हैं. सुनीता विलियम्स का जन्म 19 सितंबर 1965 को हुआ था। वह गुजरात (अहमदाबाद), भारत की रहने वाली हैं और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के ज़रिए अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला हैं. उनसे पहले कल्पना चावला ने यह उपलब्धि हासिल की थी.
अंतरिक्ष में सबसे लंबे समय तक रहने का रिकार्ड
सुनीता विलियम्स के नाम अंतरिक्ष में सबसे लंबे समय तक रहने का रिकॉर्ड भी है. उन्होंने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में एक बार में 195 दिन बिताए. इसके साथ ही उन्होंने शैनन ल्यूसिड के 188 दिनों तक अंतरिक्ष में रहने के रिकॉर्ड को तोड़ दिया. जून 1998 में उनका चयन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा में हुआ और उनकी ट्रेनिंग शुरू हुई. सुनीता भारतीय मूल की दूसरी महिला हैं जो अमेरिकी अंतरिक्ष मिशन पर गई हैं. सुनीता विलियम्स सितंबर/अक्टूबर 2007 में भारत भी आई थीं. जून 1998 से नासा से जुड़ी सुनीता अब तक कुल 30 अलग-अलग अंतरिक्ष यानों में 2770 उड़ानें भर चुकी हैं. सुनीता सोसाइटी ऑफ एक्सपेरीमेंटल टेस्ट पायलट्स, सोसाइटी ऑफ फ्लाइट टेस्ट इंजीनियर्स और अमेरिकन हेलिकॉप्टर एसोसिएशन जैसे संगठनों से भी जुड़ी हैं. अपनी भारतीय विरासत से अपने मजबूत संबंधों के लिए जानी जाने वाली विलियम्स एक बार अंतरिक्ष मिशन पर भगवद गीता की एक प्रति और भगवान गणेश की एक मूर्ति लेकर गई थीं.