न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: सूर्य ग्रहण को भारत और हिंदू धर्म में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. पौराणिक मान्यताओं और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन लगता है. वहीं ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले पूरे देश में सूतक लग जाता है. इस दौरान सारे मंदिरों क्ले पट बंद कर दिए जाते हैं. किसी भी प्रकार का अनुष्ठान, यज्ञ, हवन या पूजा नहीं किया जाता है. ये सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को लग रहा है. आइए हम ग्रहण काल के समय के अलावा अन्य डिटेल्स को देखें.
कब लगेगा सूर्यग्रहण
साल 2024 का अंतिम और दूसरा सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन लगेगा. यह ग्रहण रात 9:13 बजे प्रारंभ होगा और 3 अक्टूबर को सुबह 03:17 बजे समाप्त होगा. हिंदू पंचांग के अनुसार यह दूसरा सूर्य ग्रहण वलयाकार होगा, जिसे रिंग ऑफ फायर भी कहा जाता है. जिसे रिंग ऑफ फायर से तात्पर्य यह है कि जब चंद्रमा सूर्य की पूरी डिस्क को ढक लेता है, तब वलयाकार सूर्य ग्रहण उत्पन्न होता है, जिससे सूर्य के चारों ओर एक चमकदार वलय का निर्माण होता है. यह दृश्य रिंग के समान दिखाई देता है और आग की तरह चमकने की वजह से इसे रिंग ऑफ फायर कहा जाता है.
ये भी पढे: Jitiya Vrat 2024: आज महिलाएं रखेंगी जितिया का निर्जला व्रत, जानें नियम
इन जगहों पर नजर आएगा सूर्यग्रहण
आपकी जानकारी के लिए बता दें साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा. इस वजह से भारत में इस सूतक का कोई महत्व नहीं होगा. यानि की देश में ग्रहण के 12 घंटे पहले से और ग्रहण के समय में पूजा और अनुष्ठान सुचारू रूप से जारी रहेगा. यह ग्रहण दक्षिण अमेरिका के उत्तरी क्षेत्रों के साथ-साथ आर्कटिक, अर्जेंटीना, ब्राजील, पेरू, फिजी, चिली, होनोलूलू, ब्यूनस आयर्स, अंटार्कटिका और दक्षिण अमेरिका तथा प्रशांत महासागर के कुछ स्थानों से देखा जा सकेगा.
यहां देख सकेंगे लाइव
एर आप भारत में या उन देशों में रह रहे हैं. जहां सीधे आंखों से आप इस सूर्यग्रहण को नहीं देख सकते हैं और आप बन रहे इस रिंग ऑफ फायर को देखना चाहते हैं तो, आप इसे अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की आधिकारिक वेबसाइट या नासा के यूट्यूब चैनल पर देख सकते हैं.
ये भी पढे: RSS के नए कार्यालय को मिली मंजूरी, 12 मंजिला टावरों को एनओसी