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रांची/डेस्क: नई उम्मीदों और संकल्पों के साथ 2025 की शुरुआत हो चुकी है और जैसे ही साल का पहला सूर्य ग्रहण करीब आ रहा है, इसके साथ ही ज्योतिषी और वैज्ञानिक दोनों ही इसे लेकर कयास लगा रहे हैं. इस साल 2025 में कुल चार ग्रहण होंगे, जिनमें से दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण शामिल है लेकिन पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च, 2025 को होने जा रहा है जो चर्चा का केंद्र बन चुका है और ज्यादातर लोग इसे 'खतरनाक' क्यों कह रहे है, आइए जानते हैं.
क्या है इस सूर्य ग्रहण की खतरनाक होने की वजह?
कुछ ज्योतिषी का कहना है कि यह ग्रहण आंशिक रूप से होने वाला है लेकिन इसका प्रभाव व्यापक रूप से महसूस हो सकता हैं. हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि ग्रहण का कोई भी खतरनाक प्रभाव पृथ्वी पर नहीं पड़ता हैं. फिर भी ज्योतिषी इसे विशेष रूप से इस कारण खतरनाक मान रहे है क्योंकि यह ग्रहण हिंदू नव वर्ष (गुड़ी पर्व) से ठीक एक दिन पहले लगेगा, जो एक महत्वपूर्ण पर्व हैं.
इसी दौरान कुछ राशियों के लिए इस समय ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो सकता हैं. ऐसे में विभिन्न राशियों पर इसका क्या असर होगा, यह जानने के लिए लोग पहले से ही तैयार हैं. विशेषकर मकर, कर्क और तुला राशि वालों को इस ग्रहण से ज्यादा सावधान रहने की सलाह दी जा रही हैं.
सूर्योदय के समय का खास असर
29 मार्च को दोपहर 2:20 बजे से शुरू होने वाला यह आंशिक सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा लेकिन इसे उत्तरी अमेरिका, आइसलैंड, ग्रीनलैंड, यूरोप और रूस के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा.
अगला सूर्य ग्रहण कब होगा
साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 21-22 सितंबर 2025 को लगेगा, जो फिर से आंशिक रूप से होगा. यह ग्रहण भारत में रात को दिखाई देगा और इसे रात के समय देख सकते हैं. इस दौरान कई जगहों पर खास खगोलीय गतिविधियां देखने को मिलेंगी, जिन्हें लोग चकित होकर देखेंगे.