प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: टाटीझरिया की हसीन वादियां हमेशा से पर्यटकों को अपनी ओर लुभाती रही हैं. यहां के जंगल, पहाड़, नदी, झरने व डैम एक बार आने पर लोगों का मन मोह लेता है. एक बार यहां जो आ गया वह बार-बार आना चाहता है. नूतन वर्ष 2025 के स्वागत में टाटीझरिया के हसीन वादियां सैलानियों के इंतजार में अपनी पलकें बिछाए हुए है. दिलकश पिकनिक स्पॉटों पर पर्यटकों की पहले से निगाहें टिकी हुई है. गुलाबजामुन नगरी टाटीझरिया प्रखंड में दर्जनों पिकनिक स्पॉट हैं, जहां लोग नये वर्ष का स्वागत पूरे परिवार के साथ कर सकते हैं. वैसे तो यहां सालोंभर सैलानियों का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन नये वर्ष पर काफी संख्या में लोग पहुंचते हैं.
चूना खान झरना और सिझुआ झरने की वादियां लोगों को खूब लुभाती हैं-
धरमपुर-जरूवाडीह का बडका बोन का चूना खान झरना प्राकृतिक छटा के साथ-साथ ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है. यहां की नैसर्गिक सौंदर्य सैलानियों को लुभाती है. प्रखंड के खैरा का सिझुआ झरना में सैकड़ों फीट से भी ऊंचाई से गिरता पानी पिकनिक प्रेमियों को खूब भाता है. यहां दूर-दूर से सैलानी पहुंचते हैं.
कोनार नदी और सिवाने नदी में पिकनिक मनाने जुटते हैं हजारों लोग-
टाटीझरिया प्रखंड का रमणीय स्थल है कोनार नदी और सिवाने नदी. पर्यटकों का मानना है कि यहां पिकनिक मनाने का आनंद ही कुछ और है. नूतन वर्ष के स्वागत में इन स्थानों में हजारों सैलानी पहुंचते हैं. चहुंओर जंगलों से घिरे प्रकृति की गोद में बसे इन पिकनिक स्पॉटों पर लोगों की भीड उमडेगी.
सैलानियों को लुभाने के लिए तैयार है बौधा डैम-
टाटीझरिया प्रखंड मुख्यालय से करीब 4 किमी दूरी पर अवस्थित डहरभंगा का बौधा डैम नए साल के स्वागत में सैलानियों के लिए बाहें फैलाये खडा है. यहां पर पिकनिक मनाने के लिए हजारों की संख्या में लोग आते हैं. बौधा डैम की प्राकृतिक सौंदर्य से लबरेज मनमोहक छटा लोगों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करती है. यहां आने वाले पर्यटक 15 एकड में फैले खूबसूरत डैम की छवि को निहारने के साथ-साथ यहां की मनोरम वादियों में एकदम से खो जाते हैं. वैसे तो डैम की खूबसूरत वादियों का सैर सपाट करनेवाले सैलानियों के आने जाने का क्रम सालों भर लगा रहता है. लेकिन दिसंबर-जनवरी के ठंड के दिनों में इसका मजा ही कुछ और है. यह स्थान पिकनिक स्पॉट के रूप में सैलानियों से गुलजार होता है. डैम में विभिन्न प्रकार के प्रवासी विदेशी पंक्षियों की अठखेलियां लोगों के कदम ठिठकने के लिए मजबूर कर देते हैं. चंहुओर बेशुमार पेड़-पौधें की नयनाभिराम वादियां और उनके सीने को चीरकर अठखेलियां कर गुजरता पानी यहां की मनोरम वादियों में चार चांद लगा देती है. कई स्थानीय खोरठा, नागपुरी गीतों को यहां फिल्माया गया है.