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रांची/डेस्क: बच्चों में Urinary Tract Infection (UTI) एक आम लेकिन गंभीर बीमारी है, जिसे अक्सर गलत समझा जाता हैं. टॉयलेट के रास्ते से बैक्टीरिया का प्रवेश करना इसकी मुख्य वजह होती हैं. विशेषज्ञों का यह मानना है कि समय पर इसका पता चलने और सही उपचार मिलने से बच्चों को इस समस्या से जल्दी राहत दिलाई जा सकती हैं.
क्या है UTI?
UTI तब होती है जब हानिकारक बैक्टीरिया यूरिनमार्ग से होते हुए मूत्राशय और किडनी तक पहुंच जाते हैं. सबसे आम बैक्टीरिया जो इस संक्रमण का कारण बनते है, वह है Escherichia Coli (E.coli). इसके अलावा Klebsiella, Proteus, Enterococcus और Pseudomonas जैसे सूक्ष्मजीव भी UTI के जिम्मेदार हो सकते हैं.
डॉ. एंटनी रॉबर्ट, सीनियर कंसल्टेंट ने यह बताया है कि पीडियाट्रिक सर्जरी और पीडियाट्रिक यूरोलॉजी का यह मानना है कि सामान्यत: यूरिन बांझ और बैक्टीरिया से मुक्त होता है लेकिन संक्रमण तब होता है जब हानिकारक बैक्टीरिया यूरिन प्रणाली में प्रवेश कर जाते हैं.
इस बीमारी के लक्षण और पहचान
UTI के सामान्य लक्षणों में पेट में दर्द, उल्टी आना, भूख न लगना, बार-बार पेशाब आना और पेशाब के दौरान जलन होना शामिल हैं. बच्चों में इन लक्षणों की पहचान जल्दी करने से इलाज में आसानी हो जाती है, जिससे बीमारी को गंभीर होने से रोका जा सकता हैं.
डॉ. एंटनी ने आगे बताया है कि बच्चों में UTI का निदान करने के लिए, यूरिन परीक्षण किया जाता हैं. इससे यूरिन में बैक्टीरिया और संक्रमण के संकेतों का पता लगाया जाता हैं. इसके अलावा यूरिन संस्कृति की जाती है ताकि सही बैक्टीरिया का पता चल सके और उसी के अनुसार Antibiotic दवाएं दी जा सकें.
इसे रोकने के उपाय
बच्चों को UTI से बचाने के लिए कुछ निवारक उपाय अपनाया जा सकता हैं.
- पानी का सेवन: पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से यूरिन प्रणाली में बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद मिलती हैं.
- स्वच्छता की शिक्षा: विशेष रूप से लड़कियों को शौच के बाद आगे से पीछे की ओर पोंछना सिखाना चाहिए ताकि गुदा से बैक्टीरिया यूरिनमार्ग में न पहुंचे.
- कब्ज से बचें: कब्ज से बचने के लिए संतुलित आहार और फाइबर का सेवन आवश्यक है क्योंकि कब्ज भी UTI का कारण बन सकता हैं.
- यूरिनशय को खाली करना: बच्चों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह अपने यूरिनशय को पूरी तरह से खाली करें ताकि बैक्टीरिया न पनप सकें.
इस बीमारी का इलाज
UTI का मुख्य इलाज Antibiotics होता हैं. डॉक्टर यूरिन संस्कृति के आधार पर Antibiotics चुनते हैं. बार-बार UTI होने पर डॉक्टर किडनी की संरचनात्मक जांच जैसे किडनी Ultrasound, Micturating Cystourethrogram (MCUG) और Nuclear Medicine Scan की सलाह दे सकते हैं.