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रांची/डेस्क: कनहर बराज परियोजना में देरी होने पर झारखंड हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है. कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव, वन सचिव, जल संसाधन सचिव और वित्त सचिव को तलब किया है. सुनवाई के दौरान सभी अधिकारी कोर्ट में उपस्थित हुए. कोर्ट ने अपनी मौखिक टिप्पणी में कहा कि साल 2020 में राज्य सरकार ने 5 साल में परियोजना को पूरी होने का टाइमलाइन दिया था. लेकिन काम आगे नहीं बढ़ा. कनहर बराज परियोजना पलामू और गढ़वा में सिंचाई के लिए प्रस्तावित है.
क्या कहा कोर्ट ने
कोर्ट ने मुख्य सचिव को कनहर बराज परियोजना पूरा करने को लेकर टाइम फ्रेम प्रस्तुत करने और काम पूरा नहीं होने तक गढ़वा, पलामू के लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने का निर्देश देते हुए शपथ पत्र दाखिल करने को कहा है. कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी में कहा कि साल 2009 से कनहर परियोजना को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है. लेकिन राज्य सरकार परियोजना को लेकर उदासीन बनी हुई है. झारखंड के पलामू और गढ़वा क्षेत्र में सुखाड़ की स्थिति कई सालों से देखी जा रही है. लेकिन वहां सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था के लिए कोई सकारात्मक कदम राज्य सरकार ने अब तक नहीं उठाया है. इससे पहले राज्य सरकार की ओर से आज शपथ पत्र दाखिल कर परियोजना को पूरा करने को लेकर 8 साल का समय मांगा गया, जिस पर कोर्ट ने मौखिक में कहा कि राज्य सरकार की ओर से बार-बार शपथ पत्र दाखिल किया जा रहा है. लेकिन अब तक परियोजना को लेकर कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया है.