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रांची/डेस्कः आज से सावन का पावन महीना शुरू हो गया है. आज पहला सोमवार है. हिन्दू धर्म में सावन का महीना बेहद पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है यह महीना भगवान शिव को काफी प्रिय है औय सावन का यह महीना भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए पूरी तरह से समर्पित होता है इस महीने का शिवभक्त बेसब्री से इंतजार करते है क्योंकि भगवान भोले का कृपा पाने के लिए यह महीना सबसे सर्वोत्तम माना गया है मान्यता है कि सावन के पावन महीने में विधिपूर्वक भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करने और उनके निमित्त व्रत रखने से वे अपने सभी भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करते हैं. बाबा भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती का भी भक्तों को आशीर्वाद मिलता है.
बता दें, हिन्दू देवताओं में भगवान शिव को सर्वोच्च भगवान माना जाता है भगवान सबसे अधिक पूजे जाने वाले देवी-देवताओं में से भी एक है. वे अपने गले में अक्सर वासुकी नाग धारण किए हुए रहते हैं जो यह दर्शाता है कि वे हिंदू धर्म में सबसे शक्तिशाली देवताओं में से एक है. भगवान भोलेनाथ के अन्य रूपों में शिवलिंग की पूजा अर्चना की जाती है शिवलिंग की पूजा सबसे पवित्र मानी गई है. भक्त अपने भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न को करने के लिए शिवलिंग की पूजा करते हैं सावन के महीने में शिवलिंग की पूजा करने को लेकर शिवपुराण में विशे महत्व बताए गए हैं. सावन के महीने में शिवभक्त शिव मदिंरों में पहुंचकर पूजा अर्चना करते है और अपनी मनोकामनाएं भगवान शिव से करते हैं कई लोग अपने घरों में ही भगवान शिव की पूजा करते हैं.
इस बार का सावन बेहद खास माना जा रहा है. इस बार सावन महीने की शुरूआत सोमवार के दिन ही हो गया है. और इसका समापन भी सोमवार के दिन ही होगा. बता दें, सावन महीने का वह पहला दिन आज 22 जुलाई यानी सोमवार से शुरू हो चुका है. सावन का यह पवित्र महीना 19 अगस्त को खत्म होगा. इस दिन भी सोमवार ही पड़ रहा है.
सावन में शिव पूजा का महत्व
मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव की विधिवत पूजा करने से सारी नकारात्मकता दूर भाग जाती है. शनि दोष भी दूर हो जाता है. बता दें, सावन में सोमवार को सोमवारी और मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है. सोमवार का दिन भगवान शिव को पूरी तरह से समर्पित होता है इसद दिन भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग की विशेष पूजा करने का विधान है. सावन के प्रत्येक सोमवार को देवों के देव महादेव की आराधना और विधिवत पूजा-अर्चना करने और व्रत रखने से मनोवांछित फल मिलता है और विशेष शुभ फलों की प्राप्ति होती है. सावन में अगर आप भी भगवान शिव को प्रसन्न कर उनकी असीम कृपा पाना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए सही विधि, पूजा सामग्री और पूजा करने के नियमों का पता होना अति आवश्यक है. तो आइए हम आपको विस्तार से बताते हैं कि सावन के पावन महीने में भगवान शिव को पूजा करने की विधि, नियम और पूजन सामाग्री के बारे में..
भगवान शिव की पूजा सोमवार को क्यों होती है
बता दें, सोमवार का दिन भगवान शिव के हैं उनके भक्त उनकी किसी भी दिन पूजा अर्चना कर सकते हैं लेकिन भगवान शिव की पूजा सोमवार के दिन करने से शिव भक्त और उसके परिवार को बहुत लाभ प्राप्त होते हें. पौराणिक कथा के मुताबिक, भगवान शिव ने एक बार सोमवार के दिन चंद्रमा देवता को श्राप से बचाया था, इसी कारण सोमवार का नाम चंद्र (सोम) के नाम पर रखा गया. उसी समय से सोमवार के दिन शिव पूजा के विधान की शुरूआत हुई. मान्यता है कि बाबा भोलेनाथ शीघ्र ही प्रसन्न होने वाले देवता हैं. अपने भक्तों के द्वारा सिर्फ केवल एक गिलास पानी चढ़ाने से भी प्रसन्न हो जाते हैं.
शिव पूजा के लिए सामग्री
मान्यता है कि भगवान शिव को प्रसन्न करना बेहद आसान है. अगर आप घर में भगवान शिव की पूजा अर्चना कर रहे है तो आपको सभी अनुष्ठानों के साथ उचित पूजा करने के लिए कुछ जरूरी चीजों की आवश्यकता होगी. इसमें आपको कच्ची दूध, जल (गंगा जल भी हो सकता है), चंदन, बेल पत्र, धतूरे के फूल, फल सहित, दही, शहद, जनेऊ, सफेद मुकुट फूल, अगरबत्ती या धूपबत्ती, घी, पंच पात्र, कपूर, भस्म, पीतल का दीपक, नारियल, साफ कपड़ा, घंटी की जरूरत होगी.
कैसे करें भगवान शिव की पूजाः भगवान शिव की पूजा सोमवार के दिन इस विधि से करनी चाहिए.
सुबह-सबेरे जल्दी से उठ जाएं उसके बाद स्नान करके साफ सुथरे कपड़े पहनें. पूजा स्थल को अच्छे से साफ करें और वहां भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग स्थापित करें. और पूजा के दौरान बाबा भोलेनाथ को फूल, बिल्वपत्र, धूप-दीप अर्पित करें. इसके बाद भगवान शिव के शिवलिंग का अभिषेक दूध, जल, दही, शहद और गंगाजल से करें. अभिषेक के दौरान आप ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें. और अभिषेक के बाद शिवलिंग को स्वच्छ कपड़े से पोछकर साफ कर लें. इसके बाद भगवान शिव को भोग के रुप में मिठाई, फूल, फल चढ़ाएं. आप बाबा भोलेनाथ को उनकी प्रिय चीजें जैसे पान, भांग और बेलपत्र आदि भी चढ़ा सकते हैं. पूजा के दौरान आप शिवलिंग के पास दिया या दूपक जरूर जलाएं. यह भगवान शिव के द्वारा दिए गए बुद्धि और ज्ञान के प्रकाश का प्रतीक होता है.
इसके पश्चात आप महामृत्युंजय मंत्र और ॐ नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करें. प्रत्यके सोमवार को भगवान शिव की पूजा करने के दौरान इन मंत्रों का जाप करने से भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. और अंत में आप आरती करके प्रार्थना करें और उनका आशीर्वाद लेकर पूजा का समापन करें और अपने परिवार के सभी सदस्यों के बीच प्रसाद का वितरण करें. आपको बता दें, भगवान शिव की पूजा के दौरान किसी भी चमड़े की वस्तुओं का प्रयोग न करें, क्योंकि बाबा भोलेनाथ शाकाहारी हैं. आप सावन के पावन महीने में पूजा के दिन मांसाहार और शराब का सेवन करने से बचें और सोमवार का व्रत रखकर हमेशा सात्विक भोजन ही ग्रहण करें. सोमवार के दिन पूरी भक्ति और श्रद्धा के साथ भगवान शिव की पूजा करने से उनका आशीर्वाद मिलता हैं और सभी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
सावन में सोमवार के दिन इन मंत्रों का करें जाप
ॐ नमः शिवाय।
ॐ पार्वतीपतये नमः।
ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।
नमो नीलकण्ठाय।
ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।
सावन सोमवार व्रत 2024
22 जुलाई 2024 पहला सावन सोमवार व्रत
29 जुलाई 2024 दूसरा सावन सोमवार व्रत
5 अगस्त 2024 तीसरा सावन सोमवार व्रत
12 अगस्त 2024 चौथा सावन सोमवार व्रत
19 अगस्त 2024 पांचवां सावन सोमवार व्रत