गौरब पाल/न्यूज 11 भारत
बहरागोड़ा/डेस्क: इन दिनों बहरागोड़ा प्रखंड अंतर्गत विभिन्न ग्रामों में लगातार समस्या उत्पन्न हो रही है. वर्तमान में गरमा धान की कटाई का कार्य जोरों पर है. आधुनिक कृषि यंत्रों जैसे हार्वेस्टर मशीन द्वारा कटाई हो रही है तथा कटे हुए धान की ढुलाई ट्रैक्टर-ट्रॉली से खेतों से मुख्य सड़कों तक की जा रही है. यह प्रक्रिया जहां एक ओर कृषि कार्य को सरल बना रही है, वहीं दूसरी ओर सड़क पर भारी मात्रा में खेत की गीली मिट्टी. गाद एवं अवशेष फैल जाने से आमजनों के लिए गंभीर संकट खड़ा कर रही है.
मिट्टी से सनी सड़कें विशेष रूप से वर्षा के दौरान अत्यंत फिसलनयुक्त हो जाती हैं.ऐसी स्थिति में स्कूली बच्चों, वृद्धजनों, साइकिल चालकों, मोटरसाइकिल चालकों, दूध एवं सब्जी विक्रेताओं आदि को प्रतिदिन जीवन के जोखिम के बीच गुजरना पड़ रहा है. गाँवों में जहाँ सार्वजनिक परिवहन की सीमित व्यवस्था होती है, वहाँ सड़क ही जीवनरेखा होती है. परंतु इस सड़क कीचड़युक्त होने के कारण अब राह से ज्यादा बाधा बन गई है.
20 अप्रैल को पारुलिया गांव के समीप कीचड़ से भरी सड़क पर स्कूटी फिसल गई, जिससे स्कूटी सवार व्यक्ति गिर पड़ा. सौभाग्यवश कोई गंभीर चोट नहीं आई, परंतु यह घटना यह स्पष्ट करने के लिए पर्याप्त है कि अगर कोई वृद्ध व्यक्ति, महिला या बच्चा गिरता, तो मामला अत्यंत गंभीर हो सकता था. वर्तमान स्थिति की भयावहता को स्वयं देखा जा सकता है. यह केवल एक व्यक्ति की समस्या नहीं है, बल्कि पूरे क्षेत्र की सड़क सुरक्षा, सार्वजनिक सुविधा और ग्रामवासियों के अधिकारों से जुड़ा प्रश्न है. यदि अभी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो आने वाले दिनों में यह समस्या विकराल रूप ले सकती है और प्रशासन की निष्क्रियता जनाक्रोश को जन्म दे सकती है.
उदाहरणार्थ, झाड़ग्राम (पश्चिम बंगाल) जिला प्रशासन द्वारा ट्रैक्टर चालकों को खेत की मिट्टी सड़क पर लाने से रोकने हेतु सख्त निर्देश दिए गए हैं. उसी तर्ज पर झारखंड प्रशासन को भी स्थानीय स्तर पर पहल करने की आवश्यकता है.ग्रामीणों ने कहा संबंधित ट्रैक्टर व हार्वेस्टर मालिकों/चालकों को निर्देशित किया जाए कि वे खेतों की मिट्टी सड़कों पर न फैलाएँ. यदि फैलती है, तो उनकी जिम्मेवारी तय कर सड़क की सफाई करवाने का निर्देश दें. ग्राम पंचायतों को जिम्मेदार बनाकर सड़क की नियमित सफाई की व्यवस्था कराई जाए.